India Languages, asked by gauravson3496, 10 months ago

इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला का उभ्दव और विकास कैसे हुआ?

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Answered by KingDapter
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Answered by bhatiamona
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इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला का उभ्दव और विकास

इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला का उभ्दव तेरहवीं शताब्दी के बाद हुआ| मुस्लिम शासकों ने भारत पर शासन स्थापिक कर लिया जिस कारण यहाँ मुस्लिम लोग बड़े पैमाने पर भवन बनाने लगे| मुस्लिम शासकों में भारत की स्थानीय सामग्री , संस्कृति तथा परम्पराओं को अपने साथ लाई तकनीकों को देखा-परखा कुछ को स्वीकार किया , कुछ को अस्वीकार किया और कुछ ऐसे ही परिवर्तन के साथ अपना लिया| इस प्रकार वास्तुकला के क्षेत्र में अनेक संरचनात्मक तकनीकी , शैलियों रूपों और साज सजाओ का मिश्रण तैयार किया गया| इस मिश्रण के फलस्वरूप ही इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला का निर्माण हुआ|

भारत में मुस्लिम आगमन के समय धार्मिक और धर्म निरपक्ष दोनों प्रकार की वास्तुकला विधमान है| उस में मुस्लिम शासकों तथा सम्पन्न लोगों द्वारा अनेक प्रकार के छोटे-बड़े भवन जोड़े जाने लगे| इससे भवन निर्माण अन्य कई शैलियों द्वारा किया गया जिन में शाही शैली , प्रान्तीय शैली , मुगल शैली तथा दक्कनी शैली प्रमुख है| इस से मस्जिदे , मकबरे , दरगाहे , मरसे, सराय  आदि का निर्माण किया गया|  

इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला को परम्परा की दृष्टि से अनेक भागों में बांटा गया था परन्तु इसकी चार प्रमुख श्रेणियाँ है :

  • शाही शैली  
  • प्रान्तीय शैली  
  • मुगल शैली  
  • दक्कनी शैली

इस प्रकार इण्डो-इस्लामिक शैली का विकास हुआ|

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इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला की चार श्रेणियों का उल्लेख करें?

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