Hindi, asked by Anonymous, 11 months ago

information on mother terasa in hindi​

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Answered by adityaverma55424
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मदर टेरेसा (२६ अगस्त १९१० - ५ सितम्बर १९९७) जिन्हें रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाज़ा गया है, का जन्म आन्येज़े गोंजा बोयाजियू के नाम से एक अल्बेनीयाई परिवार में उस्कुब, उस्मान साम्राज्य (वर्त्तमान सोप्जे, मेसेडोनिया गणराज्य) में हुआ था। मदर टेरसा रोमन कैथोलिक नन थीं, जिन्होंने १९४८ में स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता ले ली थी। इन्होंने १९५० में कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की स्थापना की। ४५ सालों तक गरीब, बीमार, अनाथ और मरते हुए लोगों की इन्होंने मदद की और साथ ही मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी के प्रसार का भी मार्ग प्रशस्त किया।

मदर टेरेसा

आन्येज़े गोंजा बोयाजियू

MotherTeresa 090.jpg

मदर टेरेसा

जन्म

26 अगस्त 1910

उस्कुब, उस्मान साम्राज्य (आज का सोप्जे, मेसीडोनिया)

मृत्यु

5 सितम्बर 1997 (उम्र 87)

कोलकाता, भारत

राष्ट्रीयता

उस्मान प्रजा (1910–1912)

सर्बियाई प्रजा (1912–1915)

बुल्गारियाई प्रजा (1915–1918)

युगोस्लावियाइ प्रजा (1918–1943)

यूगोस्लाव नागरिक (1943–1948)

भारतीय प्रजा (1948–1950)

भारतीय नागरिक[1] (1948–1997)

अल्बानियाई नागरिक [2] (1991–1997)

व्यवसाय

रोमन केथोलिक नन,१९७० तक वे गरीबों और असहायों के लिए अपने मानवीय कार्यों के लिए प्रसिद्द हो गयीं, माल्कोम मुगेरिज के कई वृत्तचित्र और पुस्तक जैसे समथिंग ब्यूटीफुल फॉर गॉड में इसका उल्लेख किया गया। इन्हें १९७९ में नोबेल शांति पुरस्कार और १९८० में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया। मदर टेरेसा के जीवनकाल में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी का कार्य लगातार विस्तृत होता रहा और उनकी मृत्यु के समय तक यह १२३ देशों में ६१० मिशन नियंत्रित कर रही थीं। इसमें एचआईवी/एड्स, कुष्ठ और तपेदिक के रोगियों के लिए धर्मशालाएं/ घर शामिल थे और साथ ही सूप, रसोई, बच्चों और परिवार के लिए परामर्श कार्यक्रम, अनाथालय और विद्यालय भी थे। मदर टेरसा की मृत्यु के बाद इन्हें पोप जॉन पॉल द्वितीय ने धन्य घोषित किया और इन्हें कोलकाता की धन्य की उपाधि प्रदान की।

दिल के दौरे के कारण 5 सितंबर 1997 के दिन मदर टैरेसा की मृत्यु हुई थी।[3]

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Answered by rk111113
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Answer:

ऐसा माना जाता है कि दुनिया में लगभग सारे लोग अपने लिए जीतें है पर मानव इतिहास में ऐसा कोई मनुष्य उदाहरण है जिन्होंने अपना सारा जीवन परोपकार में बीता दिया मदर टेरेसा भी एक ऐसे व्यक्ति हैं ‌। मदर टेरेसा एक ऐसा नाम है कि जिस का स्मरण होते ही हमारे हिरदय श्रद्धा से भर उठता है

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