इस अवधि में किए गए 'आविष्कारों' की दिलचस्प विशेषताएँ क्या थी?
Answers
उत्तर :
इस अवधि (औद्योगिक क्रांति की) में किए गए 'आविष्कारों' की दिलचस्प विशेषताएँ निम्न प्रकार से थी :
इस समय के अधिकतर आविष्कार वैज्ञानिक ज्ञान के प्रयोग की बजाय दृढ़ता ,शौक
, कुछ नए खोज करने की इच्छा तथा भाग्य के बल पर हुए।
(1) कपास उद्योग क्षेत्र में जाॅन के तथा जेम्स हरग्रीव्स जैसे कुछ अविष्कारक बुनाई और बढ़ईगिरी जानते थे । परंतु रिचर्ड आर्कराइट एक नाई था और बालों की विग बनाता था।
(2) सैमुअल क्रांपटन तकनीकी दृष्टि से अकुशल था।
(3) एडमंड कार्टराइट ने साहित्य ,आयुर्विज्ञान और कृषि की पढ़ाई की थी। आरंभ में एडमंड कार्टराइट की इच्छा पादरी बनने की थी। वह यांत्रिकी के बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानता था।
(4) दूसरी ओर भाप के इंजनों के क्षेत्र में थॉमस सेवरी एक सेना में एक अधिकारी था। थॉमस न्यूकोमेन एक लुहार था तथा ताले बनाता था। जेम्स वाट का यंत्र संबंधी कार्य की ओर बहुत अधिक लगाव था। इन सब में अपने अपने अविष्कार से संबंधित थोड़ा-बहुत ज्ञान अवश्य था ।
(5)परंतु सड़क निर्माता जॉन मैकएडम ,अंधा था जिसने खुद सड़कों के सतहों का सर्वेक्षण किया उनके बारे में योजना बनाई थी। नहर निर्माता जेम्स बिंडली लगभग अनपढ़ था। शब्दों के बारे में उसका ज्ञान बहुत कमजोर था कि वह "नौ चालन' शब्द की सही वर्तनी कभी नहीं बता सका। परंतु उसकी स्मरण शक्ति,कल्पना शक्ति और एकाग्रता थी कमाल की थी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
ब्रिटेन 1793 से 1815 तक कई युद्धों में लिप्त रहा, इसका ब्रिटेन के उद्योगों पर क्या प्रभाव पड़ा?
https://brainly.in/question/10103765
नहर और रेलवे परिवहन के सापेक्षिक लाभ क्या-क्या हैं?
https://brainly.in/question/10103764
Explanation:
एक है प्राचीन अथवा विगत काल की घटनाएँ और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा। इतिहास शब्द (इति + ह + आस ; अस् धातु, लिट् लकार अन्य पुरुष तथा एक वचन) का तात्पर्य है "यह निश्चय था"। ग्रीस के लोग इतिहास के लिए "हिस्तरी" (history) शब्द का प्रयोग करते थे। "हिस्तरी" का शाब्दिक अर्थ "बुनना" था। अनुमान होता है कि ज्ञात घटनाओं को व्यवस्थित ढंग से बुनकर ऐसा चित्र उपस्थित करने की कोशिश की जाती थी जो सार्थक और सुसंबद्ध हो।
इस प्रकार इतिहास शब्द का अर्थ है - परंपरा से प्राप्त उपाख्यान समूह (जैसे कि लोक कथाएँ), वीरगाथा (जैसे कि महाभारत) या ऐतिहासिक साक्ष्य।[1] इतिहास के अंतर्गत हम जिस विषय का अध्ययन करते हैं उसमें अब तक घटित घटनाओं या उससे संबंध रखनेवाली घटनाओं का कालक्रमानुसार वर्णन होता है।[2] दूसरे शब्दों में मानव की विशिष्ट घटनाओं का नाम ही इतिहास है।[3] या फिर प्राचीनता से नवीनता की ओर आने वाली, मानवजाति से संबंधित घटनाओं का वर्णन इतिहास है।[4] इन घटनाओं व ऐतिहासिक साक्ष्यों को तथ्य के आधार पर प्रमाणित किया जाता है।
इतिहास का आधार एवं स्रोत
संपादित करें
मुख्य लेख: इतिहास लेखन
इतिहास के मुख्य आधार युगविशेष और घटनास्थल के वे अवशेष हैं जो किसी न किसी रूप में प्राप्त होते हैं। जीवन की बहुमुखी व्यापकता के कारण स्वल्प सामग्री के सहारे विगत युग अथवा समाज का चित्रनिर्माण करना दु:साध्य है। सामग्री जितनी ही अधिक होती जाती है उसी अनुपात से बीते युग तथा समाज की रूपरेखा प्रस्तुत करना साध्य होता जाता है। पर्याप्त साधनों के होते हुए भी यह नहीं कहा जा सकता कि कल्पनामिश्रित चित्र निश्चित रूप से शुद्ध या सत्य ही होगा। इसलिए उपयुक्त कमी का ध्यान रखकर कुछ विद्वान् कहते हैं कि इतिहास की संपूर्णता असाध्य सी है, फिर भी यदि हमारा अनुभव और ज्ञान प्रचुर हो, ऐतिहासिक सामग्री की जाँच-पड़ताल को हमारी कला तर्कप्रतिष्ठत हो तथा कल्पना संयत और विकसित हो तो अतीत का हमारा चित्र अधिक मानवीय और प्रामाणिक हो सकता है। सारांश यह है कि इतिहास की रचना में पर्याप्त सामग्री, वैज्ञानिक ढंग से उसकी जाँच, उससे प्राप्त ज्ञान का महत्व समझने के विवेक के साथ ही साथ ऐतिहासक कल्पना की शक्ति तथा सजीव चित्रण की क्षमता की आवश्यकता है। स्मरण रखना चाहिए कि इतिहास न तो साधारण परिभाषा के अनुसार विज्ञान है और न केवल काल्पनिक दर्शन अथवा साहित्यिक रचना है। इन सबके यथोचित संमिश्रण से इतिहास का स्वरूप रचा जाता है