इस भाषा और बोली में अंतर स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 19- महाकाव्य एवं खण्ड काव्य में कोई तीन अंतर लिखिए।
अथवा
हास्य रस की परिभाषा देते हुए उदाहरण भी लिखिए।
प्रश्न 20- बालक कृष्ण माता यशोदा से बलदाऊ को क्या शिकायत करते है।
अथवा
रत्नाकर की गोपियों के मन में कौन क्या है, उनके विचार स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 21- 'नाटक एवं एकांकी के चार अन्तर बताइये।
अथवा
रेखाचित्र और से स्मरण में क्या अंतर है लिखिए।
प्रश्न 22- सूरदास अथ्वा घनानंत
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Answer:
उत्तर 19 : महाकाव्य में मुख्य चरित्र के जीवन को समग्रता में धारण करने के कारण विविधता और विस्तार होता है । खण्ड काव्य में मुख्य चरित्र की किसी एक प्रमुख विशेषता का चित्रण होने के कारण अधिक विविधता और विस्तार नहीं होता । मुक्तक काव्य में कथा-सूत्र आवश्यक नहीं है ।
उत्तर 20 : श्रीकृष्ण माता यशोदा से बलदाऊ की शिकायत करते हैं कि बलदाऊ मुझसे पूछते हैं कि तेरे माता-पिता कौन हैं, नन्द बाबा और यशोदा तो दोनों गोरे हैं, यदि तू उनका पुत्र है तो
उत्तर 21 : नाटक में किसी भी पात्र या चरित्र का क्रमश विकास दिखाया जाता है जबकि एकांकी में चरित्र पूर्णतः विकसित रूप से दिखाया जाता है. ... # नाटक में कथानक में फैलाव और विस्तार होता है जबकि एकांकी में घनत्व होता है अर्थात नाटक में हम और पात्र और कहानी को बढ़ा सकते हैं जबकि एकांकी में ऐसा नहीं किया जा सकता.
उत्तर 22 : घनानंद (१६७३- १७६०) रीतिकाल की तीन प्रमुख काव्यधाराओं- रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध और रीतिमुक्त के अंतिम काव्यधारा के अग्रणी कवि हैं। ये 'आनंदघन' नाम स भी प्रसिद्ध हैं। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने रीतिमुक्त घनानन्द का समय सं. १७४६ तक माना है। इस प्रकार आलोच्य घनानन्द वृंदावन के आनन्दघन हैं। शुक्ल जी के विचार में ये नादिरशाह के आक्रमण के समय मारे गए। श्री हजारीप्रसाद द्विवेदी का मत भी इनसे मिलता है। लगता है, कवि का मूल नाम आनन्दघन ही रहा होगा, परंतु छंदात्मक लय-विधान इत्यादि के कारण ये स्वयं ही आनन्दघन से घनानन्द हो गए। अधिकांश विद्वान घनानन्द का जन्म दिल्ली और उसके आस-पास का होना मानते हैं।