Hindi, asked by narayanigupta23111, 10 months ago

इस कविता के माध्यम से प्रसाद जी के व्यक्त्तित्व की जो झलक मिलती है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।

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Answered by bhatiamona
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इस कविता के माध्यम से प्रसाद जी के व्यक्त्तित्व की जो झलक मिलती है

प्रसाद जी एक सीधे-सादे व्यक्तित्व के इंसान थे। उनके जीवन में दिखावा नहीं था। वह अभावग्रस्त व्यक्ति थे| वह सामान्य जीवन जीते हुए अपने आप को स्वीकार करते थे| वह अति विनम्र थे| वह ऐसे स्वभाव के थे वह अपना दुःख किसी के सामने प्रकट नहीं करते थे , न ही किसी का मज़ाक नहीं उड़ाते थे| वह अपने दुःख को अपने हृदय में रखते थे|

वह  अपने जीवन के सुख-दुख को लोगों पर व्यक्त नहीं करना चाहते थे, अपनी कमियों  को अपने तक ही सीमित रखना चाहते थे। अपनी दुर्बलताओं को समाज में प्रस्तुत कर वे स्वयं को हँसी का पात्र बनाना नहीं चाहते थे। पाठ की कुछ पंक्तियाँ उनके वेदना पूर्ण जीवन को दर्शाती है। इस कविता में एक तरफ़ कवि की यथार्थवादी प्रवृति भी है तथा दूसरी तरफ़ प्रसाद जी की विनम्रता भी है। जिसके कारण वे स्वयं को श्रेष्ठ कवि मानने से इनकार करते थे ।

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