iv) जुकाम और खांसी की दवा में प्रयोग होने वाला पौधा है
(अ) पुदीना
(ब) सुंदरी
(स) तुलसी
(द) आँवला
Answers
Answer:
जुकाम और खांसी की दवा में प्रयोग होने वाला पौधा है- तुलसी
Explanation:
तुलसी
आमतौर पर कई नुस्खे में इस्तेमाल होने वाली तुलसी सूखी खांसी को कम करने के लिए एकदम सही है। इसका उपयोग अभेद्यता को और विकसित करने के लिए भी किया जाता है क्योंकि इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और दर्द निवारक गुण होते हैं। इसके खांसी को कम करने वाले गुण शरीर के तरल पदार्थ को बाहर निकालने में आपकी सहायता करके उड्डयन मार्गों को साफ करने में मदद करते हैं।
बुखार और वायरल रोग से दूर रह सकते हैं और बड़े पैमाने पर तुलसी के पत्तों को पानी में उबाला जाता है और नियमित रूप से तोड़ दिया जाता है। तुलसी आपके असंवेदनशील ढांचे को मजबूत करने का प्रयास करती है।
Answer:(स) तुलसी
Explanation:
तुलसी में गजब की रोगनाशक शक्ति है। विशेषकर सर्दी, खांसी व बुखार में यह अचूक दवा का काम करती है। इसीलिए भारतीय आयुर्वेद के सबसे प्रमुख ग्रंथ चरक संहिता में कहा गया है।
- तुलसी हिचकी, खांसी,जहर का प्रभाव व पसली का दर्द मिटाने वाली है। इससे पित्त की वृद्धि और दूषित वायु खत्म होती है। यह दूर्गंध भी दूर करती है।
- तुलसी कड़वे व तीखे स्वाद वाली दिल के लिए लाभकारी, त्वचा रोगों में फायदेमंद, पाचन शक्ति बढ़ाने वाली और मूत्र से संबंधित बीमारियों को मिटाने वाली है। यह कफ और वात से संबंधित बीमारियों को भी ठीक करती है।
- तुलसी कड़वे व तीखे स्वाद वाली कफ, खांसी, हिचकी, उल्टी, कृमि, दुर्गंध, हर तरह के दर्द, कोढ़ और आंखों की बीमारी में लाभकारी है। तुलसी को भगवान के प्रसाद में रखकर ग्रहण करने की भी परंपरा है, ताकि यह अपने प्राकृतिक स्वरूप में ही शरीर के अंदर पहुंचे और शरीर में किसी तरह की आंतरिक समस्या पैदा हो रही हो तो उसे खत्म कर दे। शरीर में किसी भी तरह के दूषित तत्व के एकत्र हो जाने पर तुलसी सबसे बेहतरीन दवा के रूप में काम करती है। सबसे बड़ा फायदा ये कि इसे खाने से कोई रिएक्शन नहीं होता है।
तुलसी की मुख्य जातियां- तुलसी की मुख्यत: दो प्रजातियां अधिकांश घरों में लगाई जाती हैं। इन्हें रामा और श्यामा कहा जाता है।
- रामा के पत्तों का रंग हल्का होता है। इसलिए इसे गौरी कहा जाता है।
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