जागरण संपूर्ण भारत में किसी-न-किसी रूप में अभिव्यक्त हो रहा था, जिसमें भारतीयता के साथ आधुनिकता का संगम था। स्वामी विवेकानंद ने तो अमेरिका, इंग्लैंड आदि देशों से भारत लौटकर पूर्व और पश्चिम के श्रेष्ठ तत्वों के सम्मिलन से भारत को आधुनिक बनाने का स्वप्न देखा था। उन्होंने माना कि भारत और पश्चिम की मूल गति एवं उद्देश्य भिन्न हैं, परंतु भारत को जागना होगा, कुसंस्कारों एवं जाति-विद्वेष को त्यागना होगा, शिक्षित होकर देश की अशिक्षित, गरीब जनता को ही ‘दरिद्रनारायण’ मानकर उनकी सेवा करनी होगी, उनका उत्थान करना होगा। विवेकानंद का मत था कि भारत में जो जितना दरिद्र है, वह उतना ही साधु है। यहाँ गरीबी अपराध एवं पाप नहीं है तथा दरिद्रों की अपेक्षा धनियों को अधिक प्रकाश की जरूरत है। वे चाहते थे कि हम नीच, अज्ञानी, दरिद्र-सभी को भाई मानें और गर्व से कहें-हम सब भाई भारतवासी हैं। मनुष्य को मानव बनाना, आदमी को इंसान बनाना आवश्यक है। हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जो हमें संस्कारी मानव, हमदर्द इंसान बना सके। विचारों में विवेकानंद गांधी से अधिक दूर नहीं थे और ऐसे ही विचारकों का चिंतन उन्नीसवीं सदी में भारत को उद्वेलित कर रहा था। प्रश्न क) किस सदी में संपूर्ण भारत में राष्ट्रीय जागरण अभिव्यक्त हो रहा था? *
1 point
(i) उन्नीसवीं सदी में
(ii) अठारहवीं सदी में
(iii) बीसवीं सदी में
(iv) इक्कीसवीं सदी में
विवेकानंद ने क्या सपना देखा था? *
1 point
(i) विदेशी तर्ज पर भारत का विकास
(ii) पूर्व व पश्चिम के तत्वों का मिलन
(iii) भारत को आधुनिक बनाना
(iv) (ख) व (ग)
(ग) विवेकानंद के अनुसार भारतीयों को कैसी शिक्षा की जरूरत है? *
1 point
(i) आदमी को आदमी बनाने वाली
(ii) अंग्रेजी पढ़ाने वाली
(iii) भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने वाली
(iv) कोई नहीं
(घ) “पश्चिम’ का विशेषण बताइए *
1 point
(i) पश्चिमी
(ii) पाश्चात्य
(iii) पश्च
(iv) कोई नहीं
(ङ) विवेकानंद के अनुसार किसे अधिक प्रकाश की ज़रूरत है? *
1 point
(i) दरिद्र
(ii) धनियों
(iii) सामंतों
(iv) कोई नहीं
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マザーファックトイストーリーは世界の意味です
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