जूझ' शीर्षक के औचित्य पर विचार करते हुए यह स्पष्ट करें कि क्या यह शीर्षक कथा नायक की किसी केंद्रीय चारित्रिक विशेषता को उजागर करता है ?
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पाठ का शीर्षक किसी भी रचना के मुख्य भाव को व्यक्त करता है| यहाँ पर जूझ का अर्थ है, संघर्ष इस में लेखक आनंद ने पाठशाला जाने के लिए संघर्ष किया है|
जूझ का अर्थ है जूझना अथवा संघर्ष करना।
वह अपने जीवन में शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत सारी परेशानियों से जूझता रहा | उन्हें स्कूल जाने से पहले खेतों में जाना पड़ता था|
वह स्वयं व्यक्तिगत स्तर पर, पारिवारिक स्तर , सामाजिक स्तर पर , पाठशाला ले स्तर पर, आर्थिक स्तर पर आदि इस तरह के कई स्तर पर उनका संघर्ष दिखाई देता है| इस शीर्षक से साफ पता चलता है की लेखक के पढ़ाई के प्रति जूझने की भावना को उजागर करता है| वास्तव में कथानक की संघर्षशीलता ही उसकी चारित्रिक विशेषता है। उपन्यास के शीर्षक से यही केंद्रीय विशेषता उजागर होती है। कहानी का केंद्र बिन्दु उसका संघर्ष ही है| सभी मुसीबतों से लड़ कर वह संत में सफल होकर दिखाते है|
Answer:जूझ शीर्षक के औचित्य पर विचार करते हुए यह स्पष्ट करें कि क्या यह शीर्षक कथा नायक की किसी केंद्रीय चारित्रिक विशेषताएं को उजागर करता है