जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह।।2।।
Answers
Answered by
18
Answer:
इस दोहे का तातपर्य यह है की मछली जो है वो जल के बिना नही राह सकती इस पंक्ति में यह भी पता चलता है कि जल और मछली में बहुत प्यार है
Similar questions