जाओ पुत्र दसों दिशाएं तुम्हारे लिए मंगलकारी हो मैं तुम्हारे लौटने तक जीवित रहूंगी" किसने कहा था
माता सुमित्रा ने
माता कौशल्या ने
माता केकयी ने
माता मंथरा ने
Answers
Answer:
ok
Explanation:
माता कौशल्या ने answer
Answer:
माता कौशल्या ने
Explanation:
कैकयी के महल से निकलकर राम सीधे अपनी माँ के पास गए। उन्होंने माता
कौशल्या को कैकयी -भवन का विवरण दिया। और अपना निर्णय सुनाया। राम वन जाएँगे। कौशल्या यह सुनकर सुध् खो बैठीं। लक्ष्मण अब तक शांत थे। पर क्रोध से भरे हुए। राम ने समझाया और उनसे वन जाने की तैयारी वेफ लिए कहा।
कौशल्या का मन था कि राम को रोक लें। वन न जाने दें। राजगद्दी छोड़ दें। पर वह
अयोध्या में रहें। उन्होंने कहा, फ्पुत्रा! यह राजाज्ञा अनुचित है। उसे मानने की आवश्यकता नहीं है। राम ने उन्हें नम्रता से उत्तर दिया, यह राजाज्ञा नहीं, पिता की आज्ञा है। उनकी आज्ञा का उल्लंघन मेरी शक्ति से परे है। आप मुझे आशीर्वाद दें। लक्ष्मण से राम का संवाद जारी रहा। राम ने वन-गमन को भाग्यवश आया उलटपेफर कहा। लक्ष्मण इससे सहमत नहीं थे। वे इसे कायरों का जीवन मानते थे।
उन्होंने राम से कहा, की आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहसान छीन लें। देखता हूँ कौन विरोध् करता है।अधर्म का राजसिंहसान मुझे नहीं चाहिए।
मैं वन जाऊँगा। मेरे लिए तो जैसा राजसिंहसान,
वैसा ही वन। कौशल्या ने स्वयं को सँभाला। उठीं और राम को गले लगा लिया। वे राम के साथ वन जाना चाहती थीं। राम ने मनाकर दिया। कहा कि वृ( पिता को आप के सहारे की अधिक आवश्यकता है। कौशल्या ने राम को विदा करते हुए कहा, जाओ पुत्र दसों दिशाएं तुम्हारे लिए मंगलकारी हो मैं तुम्हारे लौटने तक जीवित रहूंगी"