जैसलमेर के दुर्ग में विजयोत्सव किस प्रकार मनाया जा रहा था? वर्णन कीजिए।
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Answer:
शाही सेना को मालवा तक खदेड़ कर युद्ध के विजेता महाराव रत्नसिंह अपने किले में लौट आये थे। किले को घेरे हुए कई दिनों से पड़ी हुई मलिक काफूर की सेना भी अपने तम्बू उखाड़ कर जा चुकी थी। इस प्रकार यह दिन जैसलमेर के लिए बड़े उत्सव का दिन था।
दुर्ग में मंगल कलश सजे हुए थे। बाजे बज रहे थे। सारे दुर्ग में हर्ष और उल्लास का वातावरण था। प्रत्येक वीर को पुरस्कार मिल रहा था। महाराव अपने गण्यमान्य लोगों के साथ विराजमान थे।
अपने बगल में ही शत्रु सेना के बन्दी सेनापति काफूर को सम्मान सहित बिठा रखा था। महाराव ने उसे सरपेच और पान का बीड़ा देकर पूरा सम्मान दिया था। अन्य युद्ध बन्दियों को भी मुक्त कर भारतीय परम्परानुसार उपहार दिये जा रहे थे। दुर्ग में धौंसा बज रहा था। इस प्रकार सब लोग आनन्द-मग्न थे।
Explanation:
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There are sveral undefined terms which we should keep in mind. They are consistent, because they deal with two different situations:
(i) says that the given two points A and B, there is a point C lying on the line in between them;
(ii) says that given A and B, we ca take C not lying on the line through A and B.
These ‘postulates’ do not follow from Euclid’s postulates.
However, they follow from axiom stated as given two distinct points; there is a unique line that passes through them..