दुर्ग के द्वार रक्षक वृद्ध राजपूत सैनिक द्वारा घूस में सोना लेकर भी सेनापति मलिक काफूर और उसके सैनिकों को कैद करवा देने पर मलिक काफूर के मन में क्या विचार आये होंगे? कल्पना के आधार पर लिखिए।
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मलिक काफूर ने पहले तो सोचा होगा कि इस बूढे सैनिक ने मेरे साथ कैसा दगा किया है। बहुत सारा सोना भी ले लिया और मेरे साथ बेईमानी भी कर गया। फिर उसके मन में विचार आया होगा कि मैं भी तो उसे भ्रष्ट और देशद्रोही बनाने जा रही। था, उसने अपने देश के साथ वफादारी और मेरे जैसे शत्रु के साथ धोखा किया है, उसने इसमें क्या बुरा किया है।
मलिक काफूर के मन में यह पश्चाताप भी हुआ होगा और खुद पेर शर्मिन्दगी भी महसूस हुई होगी कि मैंने द्वार रक्षक जैसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति को। खरीदना चाह कर बहुत बड़ी मूर्खता की है। वह एक अत्यन्त विश्वासपात्र व्यक्ति होता है। भला उसे कौन-सा प्रलोभन अपने कर्तव्य पथ से डिगा सकता है।
आखिर उसने यह भी सोचा होगा कि राजपूत सैनिक अपने स्वामी और राष्ट्र के लिए प्राणों की भी परवाह नहीं करते, वे भला सोने के लालच में देश से गद्दारी कैसे कर सकते हैं।