जातिवाचक संज्ञा का प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में कब होता है उदाहरण देकर स्पष्ट करें
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❤उपर्युक्त उदाहरणों में रावण, कंस, सीता, सावित्री, हरिश्चन्द्र, कुम्भकरण, शेक्सपीयर नेपोलियन और हिमालय का प्रयोग जातिवाचक संज्ञा के रूप में हुआ है। जब कोई व्यक्तिवाचक संज्ञा एक व्यक्ति/वस्तु/स्थान विशेष के गुण की प्रसिद्धि के कारण उस गुणवाले सभी पदार्थों के लिए प्रयुक्त होती है; तब ऐसी अवस्था में वह जातिवाचक बन जाती है❤
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