जीव - जंतुओं से प्रेम करने का तात्पर्य प्रकृति के प्रति सजग होना भी है । आज आधुनिकता एवं रूढ़िवादिता दोनों ही प्रकृति के लिए खतरा बन गई हैं । इस संबंध में एक लेख लिखिए ।
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आज की वर्तमान स्थिति में हम अपने घर कुत्ते बिल्ली इत्यादि इत्यादि को अपना बना रहे हैं । लेकिन स्थिति यही सही है कि हम उनसे उनकी आजादी और उनकी जमीनों को छीन रहे हैं वर्तमान में हम बड़े-बड़े बिल्डिंग्स को बनाकर उनकी जमीनों को हथिया रहे हैं बड़े-बड़े कांट्रैक्टर्स बिल्डर्स और तमाम सरकारी रूप से हम उनकी जमीनों पर अधिकार जमा रहे हैं इसका एक मुख्य कारण हमारी बढ़ती जनसंख्या भी है परंतु कुछ लोग चार घर से 8 घर में रहने की भी आधी होते जा रहे हैं जिन्हें एक घर में संतुष्टि नहीं मिल पा रही है लोग अपनी जमीनों को इस कदर बढ़ा रहे हैं मानो वह कहीं चला ही जाएगा या फिर वह उसे लेकर ही चले जाएंगे हम आधुनिकता में हाल में ही आई एक फिल्म रोबोट 2. o को देखने से साफ पता चल रहा है कि हम क्या कर रहे हैं एक तरफ हम तो हम पाल कर उनका नाम मिट्ठू मिट्ठू रखते हैं और दूसरी तरफ उनकी हत्या भी हमारे कारण हो रही है हालांकि हमें करना नहीं चाहते लेकिन दूसरी और हमें पता भी तो नहीं चलता है कि हम कर क्या रहे हैं आखिर इन तेज गाड़ियों और यातायात से जिस प्रकार हम रोड पर रहने वाले कुत्तों गायों और बिल्लियों का रास्ता काट दे रहे हैं वह किसी से छुपी नहीं है तात्पर्य है कि हम अपने सुख साधन के लिए दूसरों को कितना कष्ट दे रहे हैं इसका हमें अंदाजा भी नहीं है।
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