जनसांख्यिकीय संक्रमण के सिद्धांत के बुनियादी तर्क को स्पष्ट कीजिए। संक्रमण अवधि ‘जनसंख्या विस्फोट' के साथ क्यों जुड़ी है?
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जनसांख्यिकीय संक्रमण का सिद्धांत
यह संक्रमण सिद्धांत उच्च प्रजनन दर से न्यून प्रजनन दर और उच्च मृत्यु दर से न्यून मृत्यु दर के जनसांख्यिकीय प्रतिमान को दर्शाता हैं।
इसका तात्पर्य यह है कि जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास के समग्र स्तरों से जुड़ी होती है एवं प्रत्येक समाज विकास से संबंधित जनसंख्या वृद्धि के एक निश्चित स्वरूप का अनुसरण करता है । जनसंख्या वृद्धि के तीन बुनियादी चरण होते हैं ।
1. पहला चरण है समाज में जनसंख्या वृद्धि का कम होना क्योंकि समाज अल्पविकसित और तकनीकी दृष्टि से पिछड़ा होता है । वृद्धि दरें इसलिए कम होती हैं क्योंकि मृत्यु दर और जन्म दर दोनों ही बहुत ऊँची होती हैं । जैसे कि अफ्रीका - जन्म - दर उच्च होती है , क्योंकि लोग छोटे परिवार से होने वाले लाभों से अनभिज्ञ होते हैं । वे शिक्षित नहीं होते । मृत्यु दर भी उच्च होती है , क्योंकि स्वास्थ्य तथा चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती ।
2. द्वितीय चरण में जनसंख्या वृद्धि की दरें बहुत ऊँची हो जाती हैं क्योंकि समाज में जनसंख्या का जन्म दर तथा मृत्यु दर, दोनों का ही स्तर बहुत ऊँचा होता है । जन्म दर ऊँची होती है , क्योंकि इन देशों का समाज पुरुष प्रमुख वाला होता है तथा पुरुष ही यह निर्णय करते हैं कि कितने बच्चे को जन्म दिया जाए तथा मृत्यु दर भी उच्च होती है , क्योंकि स्वास्थ्य तथा चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होती
3. तीसर चरण में भी विकसित समाज में जनसंख्या वृद्धि दर नीची रहती है क्योंकि ऐसे समाज में मृत्यु दर और जन्म दर दोनों ही काफी कम हो जाती है और उनके बीच अंतर बहुत कम रहता है । क्योंकि लोग शिक्षित और जागरूक होते हैं ।
संक्रमणकालीन चरण होता है जब समाज पिछड़ी अवस्था से उन्नत अवस्था में जाता है और इस अवस्था की विशेषता यह है कि इस दौरान जनसंख्या वृद्धि की दरें बहुत ऊँची हो जाती हैं जबकि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं , पोषण तथा आधुनिक चिकित्सा तकनीक के कारण मृत्यु - दर में कमी आती है । इसी कारण से संक्रमण काल जनसंख्या विस्फोट से जुड़ा होता है।
यह 'जनसंख्या विस्फोट' इसलिए होता है क्योंकि मृत्यु दर, रोग नियंत्रण, जनस्वास्थ्य और बेहतर पोषण के उन्नत तरीकों के द्वारा अपेक्षाकत तेजी से नीचे ला दी जाती है । लेकिन समाज को इस आपेक्षिक समृद्धि की स्थिति और पहले से अधिक लंबी जीवन अवधियों के अनुरूप अपने आपको ढालने और अपने प्रजननात्मक व्यवहार को बदलने में काफी लंबा समय लगता है । इस प्रकार का संक्रमण पश्चिमी यूरोप में 19वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों और 20वीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों में हुआ था । अपेक्षाकृत कम विकसित देशों में भी , जो गिरती हुई मृत्यु दरों के अनुसार अपने यहाँ जन्म दर घटाने के लिए संघर्षशील रहे हैं कमोबेश ऐसे ही तरीके अपनाए गए हैं । भारत में भी जनसांख्यिकीय संक्रमण अभी तक पूरा नहीं हुआ है क्योंकि यहाँ मृत्यु दर कम कर दी गई है पर जन्म दर उस अनुपात में नहीं घटाई जा सकी है ।
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Q.1.- जनसांख्यिकीय विभाजन क्या है
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Q.2.- जनसांख्यिकीय पहलू क्या है
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Explanation:
- पी मानसा स्क्वायर विश्वास क्यों था कि अकाल हमारी जैसी विनाशकारी करना जो बड़े पैमाने पर मृत्यु का कारण बनती हैं अपने ह