Hindi, asked by ektav548, 3 months ago

झरने अनेक झरते जिसकी पहाडीयों में,

चिडियाँ चहक रही हैं, हो मस्त झाड़ियो में। अमराइयाँ घनी हैं, कोयल पुकारती हैं।

बहती मलय पवन है, तन-मन सँवारती है।

वह धर्मभूमि मेरी, वह कर्मभूमि मेरी। वह जन्मभूमि मेरी, वह मातृभूमि मेरी।'

(वह जन्मभूमि मेरी-सोहनलाल द्विवेदी)

(1) अंतिम दो पंक्तियों में आए हुए नामों के अलावा कवी ने अपनी

जन्मभूमि को अन्य किन नामों से पुकारा हैं ?

(2) धर्मभूमि तथा कर्मभूमि का क्या तात्पर्य हैं ?

(3) कवि ने देश के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन कैसे किया है?

(4) कविता का केंद्रीय भाव लिखिए।​

Answers

Answered by bheemsharma81828
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Answer:

बहती मलय पवन है, तन-मन सँवारती है।

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