Hindi, asked by agmail3735, 1 year ago

Jivni or aatam katha me diffret

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Answered by BHERE
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आत्मकथा कोई भी लेखक लिखता है तो वो अपने विषय में लिखता है तो एक सामन्य सी बात है उसे खुद के चरित्र, जीवन घटनाओं, प्रषंगों आदि की जानकारी बहुत गहराई से होगी जिसे वो बहुत शुद्धता के साथ लिख सकता है. और वहीं जीवनी किसी दूसरे व्यक्ति के ऊपर लिखने योग्य चीज है जिसके विषय में लेखक को सम्भवता जानकारी तो अच्छी हो सकती है लेकिन उतनी गहराई से वो किसी दूसरे व्यक्ति के बारे में नहीं जान सकता है और न ही उसके बारे में लिख सकता है जितने गहराई से वो खुद का अनुकलन कर सकता है.

कोई भी आत्मकथा जीवनी की अपेक्षा अधिक सटीक और विश्वशनीय होती है. क्योंकि उसमे छिपा हुआ नायक खुद लेखक है जो अपने जीवन के दुःख सुख को ईमानदारी से पन्नो में उतारता है. और वहीं जीवनी में किसी भी नायक की जानकारी पहले पता की जाती है उसके बाद उसके विषय में लिखा जाता है. और जो जानकारी नायक के विषय में लिखी जा रही है उसमे त्रुटि होने संका हो सकती है.

आत्मकथा में नायक को अपने जन्म से लेके मृत्यु तक की पूरी और सही जानकारी होती है. जिसे वो आत्मकथा के रूप में लोगों के बीच में वितरित करता है और वहीं जीवनी में किसी भी नायक की जानकारी खोजनी पड़ती है जिसके गलत होने की संभावना बहुत है. इसमें नायक के इतिहास, वर्तमान, उसके चरित्र आदि की जानकारी को लिखा जाता है जो किसी दूसरे के द्वारा बताया गया या कहीं से खोजा गया होता है जिसमे गलत जानकारी की अशुद्धियाँ भी हो सकती हैं और ये पूर्ण रूप से शुद्ध हो ये चीज जरूरी नहीं.

लोगों का कहना है की जीवनी एक प्रकार का साहित्यिक विधा है जिसमे किसी विशेष व्यक्ति के पुरे जीवन की जानकारी किसी और लेखक द्वारा दी जाती है और वहीं आत्मकथा स्वयं लेखक की जीवन गाथा है जो खुद उसी लेखक द्वारा लिखी या दी जाती है.

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