कोई उपग्रह पृथ्वी के पृष्ठ से 400 km ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। इस उपग्रह को पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव से बाहर निकालने में कितनी ऊर्जा खर्च होगी? उपग्रह का द्रव्यमान = 200 kg: पृथ्वी का द्रव्यमान = 6.0 × kg; पृथ्वी की त्रिज्या = 6.4 ×
m तथा G = 6.67 × .g।
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इस उपग्रह को पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव से बाहर निकालने में 5.9 X 10^9 J ऊर्जा खर्च होगी।
Explanation:
पृथ्वी का द्रव्यमान M = 6.0 X 10^24 kg
उपग्रह का द्रव्यमान m = 200 kg
पृथ्वी का त्रिज्या Re = 6.4 X 10^6 m
सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक G =6.67 X 10^-11
उपग्रह की ऊँचाई h = 400 किमी = 0.4 X 10^6 m
ऊंचाई पर उपग्रह की कुल ऊर्जा h= 1/2(mv^2) + ( -GMe. m / Re+h)
उपग्रह का कक्षीय वेग v =
ऊंचाई पर उपग्रह की कुल ऊर्जा = {1/2 m (GMe/Re +h)} - GMe.m /Re + h
= - 1/2{ GMe.m/Re +h)
नकारात्मक संकेत इंगित करता है कि उपग्रह पृथ्वी से जुड़ा हुआ है। इसे बाउंड एनर्जी कहा जाता है
उपग्रह को अपनी कक्षा से बाहर भेजने के लिए आवश्यक ऊर्जा = - (बाउंड एनर्जी )
= 1/2{ GMe.m/Re +h)
= 1/2 x {6.67 x 6 x 2 x 10 / 6.8 X 10^6}
=
इस उपग्रह को पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव से बाहर निकालने में 5.9 X 10^9 J ऊर्जा खर्च होगी।
कृत्रिम उपग्रह किसे कहते हैं? इसके विभिन्न उपयोग लिखिए।
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