Business Studies, asked by smithi5283, 11 months ago

(क) ई-व्यवसाय और बाह्यस्रोतीकरण को व्यवसाय की उभरती पद्धतियों क्यों
कहा जाता है? इन प्रवृत्तियों की बढती महत्ता के लिए उत्तरदायी कारकों का
विवेचन कीजिए।

Answers

Answered by nikitasingh79
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Answer with Explanation:

ई-व्यवसाय और बाह्यस्रोतीकरण को व्यवसाय की उभरती पद्धतियों इसलिए कहा जाता है क्योंकि दोनों लगातार विकास कर रहे हैं इसी कारण इन दोनों को व्यवसाय की उभरती पद्धतियां कहा गया है।

 

ई-व्यवसाय और बाह्यस्रोतीकरण की बढती महत्ता के लिए उत्तरदायी कारक निम्न प्रकार से हैं :  

बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा :  

वर्तमान समय में भारत में इतनी प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है जिसने व्यवसायी को उत्तम गुणवत्ता एवं कम मूल्य वाली वस्तुओं का निर्माण करने के लिए सोचने को मजबूर कर दिया है । उनमें नयापन होना चाहिए। यह सब केवल  ई-व्यवसाय और बाह्यस्रोतीकरण से ही संभव है।  

विशिष्टता :  

वर्तमान में नवप्रवर्तन के कारण व्यवसाय करने की विधियों में लगाता परिवर्तन होता जा रहा है। अतः ग्राहकों की संतुष्टि के लिए यह आवश्यक होता जा रहा है कि उत्पादन में नई तकनीक अपनाई जाए जिससे की विशिष्टता का लाभ प्राप्त हो सके।  

अंकीय प्रणाली का प्रादुर्भाव :  

आज कंप्यूटर ने व्यावसायिक जगत में क्रांति ला दी है । इंटरनेट ने समस्त विश्व को भूमंडलीय गांव में परिवर्तित कर दिया है । अतः आज का व्यवसायी ई- व्यवसाय के द्वारा पूरे संसार की आवश्यकता- पूर्ति करने में समर्थ है।  

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

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