किसका कथन है कि 'धर्म निरपेक्ष राज्य न धार्मिक होता है न धर्म विरोधी'?
Answers
एच० बी० कामथ के अनुसार, “एक धर्मनिरपेक्ष राज्य न तो ईश्वर रहित राज्य है, न ही यह अधर्मी राज्य है और न ही धर्म-विरोधी। धर्मनिरपेक्ष राज्य होने का अर्थ यह है कि इसमें ईश्वर पर आधारित धर्म के अस्तित्व को नहीं माना जाता।”
प्रसिद्ध विद्वान एच. बी. कॉमथ के अनुसार धर्म निरपेक्ष राज्य ना तो धार्मिक होता है और ना ही धर्म विरोधी होता है।
व्याख्या :
एक धर्मनिरपेक्ष राज्य में ईश्वर पर आधारित राज्य का अभाव पाया जाता है और ना ही वह अधर्मी राज्य होता है। अर्थात धर्मनिरपेक्ष राज्य किसी धर्म का विरोध नहीं करता और ना ही किसी धर्म का पालन करता है।
धर्मनिरपेक्ष राज्य होने का अर्थ यह है कि उसने ईश्वर पर आधारित धर्म के अस्तित्व को नहीं माना जाता। धर्मनिरपेक्ष राज्य होने से तात्पर्य एक ऐसे राज्य से है, जहाँ पर सभी धर्मों को समान भाव से देखा जाता हो और धार्मिक सत्ता को महत्व नहीं दिया जाता हो।
सत्ता में धार्मिक क्रियाकलापों का हस्तक्षेप नहीं होता हो।