कृति 2 : (स्वमत अभिव्यक्ति)
• 'सिरचन भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति था' इस विषय में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
Answers
¿ 'सिरचन भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति था' इस विषय में अपने विचार लिखिए।
✎... सिरचन भावनाओं से पूर्ण परिपूर्ण व्यक्ति था, क्योंकि वह एक उत्तम कोटि का कलाकार था। उसको चिक और शीतलपाटी आदि बनाने में महारत हासिल थी। लेखक का परिवार खासकर लेखक की माँ का सिरचन बहुत आदर सम्मान करता है। लेखक की माँ विशेषण की कला का सम्मान करती है। हालांकि लेखक की चाची को सिरचन से ईर्ष्या है। सिरचन भावुक प्रवृत्ति का व्यक्ति है और किसी के द्वारा टोकने पर वह सहन नहीं कर पाता, इसी कारण चाची जब उससे भला-बुरा कहती है, तो वह गुस्सा हो कर अपना काम आधा-अधूरा छोड़ कर चला जाता है। लेकिन उसे मालूम है कि शीतलपाटी और चिक आदि वस्तुएं बनाने के लिए उससे मानू के अफसर पति ने फरमाइश की थी। मानू से बेहद स्नेह होने के कारण वह नाराज होने के बाद भी वह मानू के लिए सारी चीजें बनाता है।
मानू जब माँ द्वारा कहने पर मोहर वाली धोती का दाम देना चाहती है तो वो मना कर देता है। इस तरह सिर्फ एक परिपूर्ण व्यक्ति है, जो भावुक है, संवेदनशील है, और स्वाभिमानी भी है।
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Explanation:
सिरचन भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति है। वह एक उच्चक का कलाकार है। चिक, शीतलपाटी आदि बनाने में पूरे क्षेत्र में उस कोई सानी नहीं है। लेखक का परिवार, विशेष रूप से उनकी माँ सिरचन बहुत आदर करता है। लेखक की माँ भी सिरचन की कला सम्मान करती है। शायद इसीलिए लेखक की चाची उससे जली रहती है। भावुक होने के कारण सिरचन को किसी के द्वारा टोका तनिक भी बर्दाश्त नहीं होता। इसीलिए चाची के वह नाराज होकर काम अधूरा छोड़कर चला जाता है। परंतु सिर कभारती नवनीत कक्षा दसवीं बुरा-भला कहने