क्या आप यह सोचते हैं कि भारत में प्रतिमाएँ/मूर्तियाँ बनाने की कला मौर्य काल मे शुरू हो गई थी? इस संबंध में आपके क्या विचार हैं, उदाहरण सहित लिखें।
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hindi hamari matra basha hai
भारत में प्रतिमाएं और मूर्तियाँ बनाने की कला मोर्च काल से पहले भी प्रचलित थी परंतु यह सत्य है की मोर्य कल में मूर्तिकला में या प्रतिमाएं बनाने में काफी विकास हुआ है मोर्य के दौरान भारत में सनातन धर्म की वर्ण-जाती व्यवस्था के कारण लोग उसका विरोध करने लगे और उनके बदले में बोद्ध और हैं धर्म को अपनाने लगे | इस काल में भारत में धर्म का बहुत प्रसार हुआ| इसका कारण मोर्य वंश का सबसे शक्तिशाली शासक अशोक था | अशोक ने बोद्ध धर्म को अपना लिया और उसका प्रचार करने लगा | उसके कल में अनेक स्तंभ , मूर्तियाँ और स्तूप आदि बनाए गए |
उदाहरण के लिए
सारनाथ में पाया गया मोर्य कालीन स्तंभ शीर्ष जो सिंह शीर्ष के नाम से प्रसिद्ध है , मोर्य कालीन मूर्ति परम्परा का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है और आज हमारा राष्ट्रीय प्रतीक भी है| इसलिए हम यह सकते है की प्रतिमा तथा मूर्तिकला की शुरुआत तो बहुत समय पहले हो चुकी भी परंतु मोर्य काल में मूर्ति प्रतिमा बनाने की कला में बहुत अधिक विकास हुआ था|
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भारतीय कला का परिचय
पाठ-3 मौर्य कालीन कला
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