क्या होता यदि-
(क) राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते।
(ख) रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता।
Class 6 NCERT Hindi chapter “बाल - राम कथा”
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उत्तर :-
क) राजा दशरथ यदि कैकयी की प्रार्थना स्वीकार न करते तो रघुकुल की वचन पालन करने की प्रतिज्ञा भंग हो जाती। राजा दशरथ कलंकित हो जाते । राम और भरत में राजगद्दी के लिए संघर्ष भी हो सकता था। कौशल्य और कैकई में भी मनमुटाव हो जाता। राक्षसों का वध नहीं होता।
ख) रावण में यदि विभीषण और अंगद का सुझाव मांगा सीता राम को लौटा दी होती तो राक्षस वंश का विनाश नहीं होता। रावण अपने भाई और पुत्र सहित जीवित रहता। रावण की मृत्यु राम के हाथों न होती। सीता को अग्नि परीक्षा नहीं देनी पड़ती।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
क) राजा दशरथ यदि कैकयी की प्रार्थना स्वीकार न करते तो रघुकुल की वचन पालन करने की प्रतिज्ञा भंग हो जाती। राजा दशरथ कलंकित हो जाते । राम और भरत में राजगद्दी के लिए संघर्ष भी हो सकता था। कौशल्य और कैकई में भी मनमुटाव हो जाता। राक्षसों का वध नहीं होता।
ख) रावण में यदि विभीषण और अंगद का सुझाव मांगा सीता राम को लौटा दी होती तो राक्षस वंश का विनाश नहीं होता। रावण अपने भाई और पुत्र सहित जीवित रहता। रावण की मृत्यु राम के हाथों न होती। सीता को अग्नि परीक्षा नहीं देनी पड़ती।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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नमस्कार मित्र.....!!
आपका उत्तर यह रहा :
उत्तर.१ :- यदि राजा दशरथ कैकई की प्रार्थना स्वीकार न करते हैं तो राम को 14 वर्ष का वनवास न होता और राम रावण युद्ध न होता |
उत्तर.२ :- यदि रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता तो आज उसके भाई और बेटे जिंदा होते |
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा
धन्यवाद......!!!
आपका उत्तर यह रहा :
उत्तर.१ :- यदि राजा दशरथ कैकई की प्रार्थना स्वीकार न करते हैं तो राम को 14 वर्ष का वनवास न होता और राम रावण युद्ध न होता |
उत्तर.२ :- यदि रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता तो आज उसके भाई और बेटे जिंदा होते |
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धन्यवाद......!!!
Anonymous:
Mark my answer brainliest, if you satisfied....!!!
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