Social Sciences, asked by knowthis21571, 1 year ago

क्या हम इस अध्याय में दी गई सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं? इनमें से सभी पर अपनी राय के पक्ष में दो तथ्य प्रस्तुत कीजिए।
क. भारत के चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त अधिकार नहीं हैं।
ख. हमारे देश के चुनाव में लोगों की जबर्दस्त भागीदारी होती है।
ग. सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना बहुत आसान होता है।
घ. अपने चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाने के लिए कई कदम उठाने जरूरी हैं।

Answers

Answered by nikitasingh79
20

उत्तर :  

क. भारत के चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए पर्याप्त शक्तियां हैं।  

(i) चुनाव आयोग को चुनाव संबंधित सभी मामलों पर निरीक्षण ,निर्देश तथा नियंत्रण का अधिकार प्राप्त है।

(ii) चुनाव आयोग किसी निर्वाचन क्षेत्र के कुछ मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान करवा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर पूरे चुनाव क्षेत्र का चुनाव रद्द कर सकता है।

ख. हमारे देश के चुनाव में आम जनता की जबर्दस्त भागीदारी होती है। भारत में आम चुनाव में मतदान प्राय: 55 से 60 प्रतिशत के बीच होता है।  

(i) भारत में अमीर वार्षिक नागरिक वोट डालने का में जाते हैं जबकि गरीब अशिक्षित को अधिक वोट डालने जाते हैं।

(ii) आम जनता भारत में चुनावों को बहुत अधिक महत्व देती है।  पिछले कुछ वर्षों में मतदाताओं की सूची में चुनाव से संबंधित गतिविधियों में काफी वृद्धि हुई है।  7 मतदाताओं में से एक मतदाता राजनीतिक दल का सदस्य हैं।

ग. सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं होता है, क्योंकि :  

(i) भारत में चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष होते हैं।  

(ii) चुनाव करवाने के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार हैं , जो कि स्वतंत्र चुनाव करवाता है।

घ. भारत की चुनाव प्रणाली में अनेक दोष पाए जाते हैं। चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाने के लिए कई कदम उठाने जरूरी हैं।

(i) जाली मतदान को रोकने के लिए सभी मतदाताओं को परिचय पत्र दिए जाने चाहिए।

(ii) अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए।

(iii) चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक मशीन के द्वारा मतदान होना चाहिए।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न  

चिनप्पा को दहेज के लिए अपनी पत्नी को परेशान करने के जुर्म में सजा मिली थी। सतबीर को छुआछूत मानने का दोषी माना गया था। दोनों को अदालत ने चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी। क्या यह फैसला लोकतांत्रिक चुनावों के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ़ जाता है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।

https://brainly.in/question/9693977

जब यह अध्याय पढ़ाया जा रहा था तो रमेश कक्षा में नहीं आ पाया था। अगले दिन कक्षा में आने के बाद उसने अपने पिताजी से सुनी बातों को दोहराया। क्या आप रमेश को बता सकते हैं कि उसके इन बयानों में क्या गड़बड़ी है?  

क. औरतें उसी तरह वोट देती हैं जैसा पुरुष उनसे कहते हैं इसलिए उनको मताधिकार देने का कोई मतलब नहीं है।  

ख. पार्टी पॉलिटिक्स से समाज में तनाव पैदा होता है। चुनाव में सबकी सहमति वाला फ़ैसला होना चाहिए, प्रतिद्वंद्विता नहीं होनी चाहिए।  

ग. सिर्फ स्नातकों को ही चुनाव लड़ने की इजाज़त होनी चाहिए।

https://brainly.in/question/9694304

Answered by Anonymous
1

Explanation:

hey mate here is your answer

the correct answer is option no. d

Similar questions