Hindi, asked by sandeepk17993, 5 months ago

कबीर सुमिरण सार है, और सकल जंजाल ।
आदि अंति सब सोधिया, दूजा देखौ काल ॥​

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Answered by shishir303
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कबीर सुमिरण सार है, और सकल जंजाल ।

आदि अंति सब सोधिया, दूजा देखौ काल ।।

भावार्थ :  कबीर कहते हैं कि ईश्वर का नाम सुमिरन करना ही सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। ईश्वर के नाम के अंतर्गत कुछ भी स्मरण करना कष्टदायक है, झंझट भरा है। कवि कहते हैं कि उन्होंने शुरू से लेकर आखिर तक सभी को देख-परख लिया है, उन्होंने अच्छी तरह खोजबीन कर ली है और उन्होंने अपने अनुभवों से यह जान लिया है कि अन्य सभी मार्ग कारण दुखों के कारण हैं, भक्ति का मार्ग ही सच्चा मार्ग है, और ईश्वर के नाम का सुमिरन करना ही सच्चा सुख है।

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