Hindi, asked by anvisanwal, 1 year ago

kamkaji mahilao pr anuched likho (80se 100 sbdo m )​

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Answered by Anonymous
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आज विश्व में नारी मुक्ति आंदोलन का प्रभाव क्षेत्र व्यापक हो गया है । आर्थिक दृष्टि से भी आज महिलाओं में आत्मनिर्भरता की भावना का संचार हो गया है ।

लेकिन भारत में स्त्रियों के भाग्य का निर्णय अभी भी उनके पति या परिवार के हाथों में होता है । वह अपने विवाह, परिवार, यौन-संबंध तथा अन्य बातों के संबंध में मुक्त नहीं है । यदि वह मुक्त होने की कोशिश भी करती है, तो उसे समाज बदचलन या वेश्या का नाम देता है ।

कामकाजी महिलाओं की समस्या पर चर्चा करते समय उनकी घरेलू जिन्दगी भी इसके अंदर समाहित हो जाती है । आधुनिक कामकाजी महिला की छवि कैसी है? भारतीय कामकाजी महिला का संबंध समाज के मध्यम वर्ग या निम्न मध्य वर्ग से होता है । उच्च-वर्ग की स्त्रियाँ जीवन निर्वाह के लिए कार्य नहीं करती । कार्य करने के पीछे उनका उद्देश्य समय बिताना होता है ।

जबकि घरेलू कार्यो में भी उनकी कोई भूमिका नहीं होती, घर के काम-काज उनके लिए अज्ञात होते हैं । एक मध्य अथवा निम्न मध्य वर्ग की कामकाजी महिला का नसीब ऐसा नहीं होता हैं


anvisanwal: not fully satisfied
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