करुण रस का मूल स्थाई भाव लिखिए
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करुण रस का मूल स्थाई भाव लिखिए:
करुण रस का स्थाई भाव शोक या दुख होता है। इस रस में किसी दुख, वियोग, विनाश, विरह आदि का भाव प्रकट होता है। किसी के बिछड़ जाने का विरह, किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाने से जो दुख और वेदना उत्पन्न होती है, वह करुण रस कहलाती है।
करुण रस का स्थायी भाव शोक होता है इस रस में किसी अपने का विनाश या अपने का वियोग, एवं प्रेमी से सदैव विछुड़ जाने या दूर चले जाने से जो दुःख या वेदना उत्पन्न होती है उसे करुण रस कहते हैं|
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