Hindi, asked by vikramq2498, 1 year ago

Karmadharai aur bahubrihi msi antar

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Answered by Manojsharma1
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कर्मधारय और बहुव्रीहि समास में अंतर कर्मधारय में समस्त-पद का एक पद दूसरे का विशेषण होता है। इसमें शब्दार्थ प्रधान होता है। ... बहुव्रीहि में समस्त पाद के दोनों पादों में विशेषण-विशेष्य का संबंध नहीं होता अपितु वह समस्त पद ही किसी अन्य संज्ञादि का विशेषण होता है।
Answered by adityakjha24
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कर्मधारय समास : जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद व उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का संबंध हो वह कर्मधारय समास कहलाता है।

e.g. - चंद्रमुख - चंद्र जैसा मुख

कमलनयन - कमल के समान नयन

बहुव्रीहि समास : जिस समास के दोनों पद अप्रधान हों और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।

e.g. - दशानन - दश है आनन (मुख) जिसके अर्थात् रावण

नीलकंठ - नीला है कंठ जिसका अर्थात् शिव

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