Hindi, asked by vipinkumar212003, 1 year ago

कठपुतली कविता में किन बुराइयों पर व्यंग्य किया गया है? ये बुराइयाॅ समाज में किस प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न करती हुई दिखती हैं? उदाहरण देते हुए लिखिए।

Answers

Answered by mchatterjee
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कठपुतली कविता में सर्वप्रथम जिन बुराइयों पर व्यंग्य किया गया है वह नारी को बांधकर रखने की उनपर अनावश्यक बंदिशें लगाने पर व्यंग्य किया गया है।


कठपुतली को भी बांधकर फिर अपनी मर्जी से नचवाया जाता है। कठपुतली भी समाज की औरतों की तरह स्वच्छंद होना चाहती है क्योंकि वह भी बंदिशों से तंग आ चुकी है।


कठपुतली बंदिशों से डटकर आगे बढ़ना चाहती है मगर फिर उसे लगता है कि वह सक्षम नहीं है मगर जब सारी कठपुतलियों के स्वतंत्रता का भार उस पर आता है तो वह आगे बढ़ती है और डरती भी है कि कहीं उससे कोई चूक न हो जाएं। कुछ ग़लत न हो जाएं।



Answered by coolthakursaini36
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कठपुतली कविता में कठपुतली अपने आगे पीछे बंधे धागों से परेशान हैं वह उन धागों से स्वतंत्र होना चाहती है। वह पराधीनता से तंग आ चुकी है और अपने पांव पर खड़ा होना चाहती है।

कविता के माध्यम से कवि ने सामाजिक रूढ़िवादी विचारधाराओं पर व्यंग्य किया है। जो हमें पसंद नहीं है लेकिन फिर भी हम उनका पालन कर रहे हैं।

कवि उन सारी परंपराओं को तोड़ना चाहता है लेकिन उसके मन में डर है कि अगर इन प्राचीन परंपराओं को तोड़ दिया जाए तो कहीं कुछ अचूक न हो जाए या गलती न हो जाए।


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