कवि आलोक धन्वा ने अपनी कविता पतंग में बच्चे के मन की तुलना कपास से क्यों की है ?
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Answer:
पतंग कविता श्री आलोक धन्वा की रचना है
Explanation:
पतंग कविता में कवि श्री आलोक धन्वा ने बच्चों के मासूम मन्न में होने वाली उमंगों को दर्शाया गया है।कवि ने बच्चों के मन को कपास कि तरह इसीलिए कहा है क्यूंकि कपास भी बोहोत कोमल और स्वच्छ होता है।कपास को हम जिस भी तरह ढलते हैं वो उससे डिजाइन की बं जाती है।
इसी तरह मासूम बच्चों का दिमाग भी कपास कि तरह होता है जिससे हम बच्चों के मन में यदि हम ज्ञान और अच्छे संस्कार डालें तो वो समझदार बनते हैं वरना वो अज्ञान के अंधेरे में गिर जाते हैं
कपास का दूसरा नाम रूई है। कपास बहुत ही हल्की,कोमल,गद्देदार तथा चोट सहने में समर्थ होती है। बच्चे भी हल्के- फुल्के,कोमल,नाजुक और चोट सहने में सक्षम होते हैं। इसी कारण वे पतंग उड़ाते समय या खेलते समय खूब भाग- दौड़ कर पाते हैं। इसमें बच्चे ' उपमेय ' तथा कपास ' उपमान ' है। इसलिए कवि बच्चों के मन की तुलना कपास से की है।