कवि ने बच्चे की मुस्कान के सौंदर्य को किन-किन बिंबो के माध्यम से व्यक्त किया है?
Answers
◆कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को निम्नलिखित बिंबो के माध्यम से व्यक्त किया है -
(1) बच्चे की मुसकान इतनी सुंदर है कि मृतक में भी जान डाल दे।
"मृतक में भी डाल देगा जान।"
(2) कवि ने बालक के मुसकान की तुलना कमल के पुष्प से की है। जो कि तालाब में न खिलकर कवि की झोंपड़ी में खिल रहे हैं।
"छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात।"
(3) बच्चे की मुसकान से प्रभावित होकर पाषाण (पत्थर) भी पिघलकर जल बन जाएगा।
"पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण।"
(4) कवि बच्चे की मुसकान की तुलना शेफालिका के फूल से करता है।
"झरने लग पड़े शेफालिका के फूल।"
कवि ने बच्चे की मुस्कान के सौंदर्य को इं ब्बों के माध्यम से व्यक्त किया है।
वह मुस्कान जो मृतक में भी जान डाल दे।
छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जल जात।
पिघल कर जल बन गया होगा कठिन पाषाण
झड़ने लग पड़े शेफालिका के फूल
- कवि ने इस कविता में बच्चे की मुस्कान जा महत्व बताया है। छोटे बच्चे जब सोने छोटे छोटे दांत दिखाकर हंसते है तो सभी का मन प्रसन्न हो जाता है।
- कवि का कहना है कि नए नए आए हुए दांतों की मुस्कुराहट से तो मरा हुए इंसान भी जीवित हो उठता है।
- कवि आगे कहता है कि धूल मिट्टी से सने हुए इस शरीर को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि कमल का फूल तालाब को छोड़कर मेरी झोपड़ी में अा गया हो।
- उसका स्पर्श इतना कोमल था कि कठोर हृदय भी पिघल जाए। इस बात को कहने के लिए कवि ने यह उदाहरण दिया है कि उसके स्पर्श से बांस के पेड़ से भी शेफालिका के फूल झड़ जाए।
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