(ख) किस बोली को टांकरी लिपि में लिखा गया है?
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Answer:
हमारी भूली बिसरी पहाड़ी भाषा की लिपि टांकरी
टांकरी लिपि ब्राह्मी परिवार की लिपियों का ही हिस्सा है जोकि कश्मीरी में प्रयोग होने वाली शारदा लिपि से निकली है। जम्मू कश्मीर की डोगरी, हिमाचल प्रदेश की चम्बियाली, कुल्लुवी, और उत्तराखंड की गढ़वाली समेत कई भाषाएं टांकरी में लिखी जाती थी।
(ख) किस बोली को टांकरी लिपि में लिखा गया है ?
हिमाचल प्रदेश, कश्मीर के पहाड़ों की बोलियों को टांकरी लिपि में लिखा जाता है।टांकरी लिपि देवनागरी लिपि से मिलती-जुलती लिपि है, जिसका प्रयोग हिमाचल प्रदेश कश्मीर की अनेक पहाड़ी बोलियों को लिखने में किया जाता था। कश्मीर का प्रसिद्ध राजतरंगिणी ग्रंथ टांकरी लिपि में ही लिखा गया है।
व्याख्या :
चंबा, हिमाचल, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा की बोलियां टांकरी लिपि में ही लिखी जाती थी। प्राचीन काल की हिमाचल की सभी रियासतों के शासकीय कामकाज का लेखा-जोखा टांकरी लिपि में ही किया जाता था। टांकरी लिपि ब्राह्मी परिवार की लिपि है, जो कश्मीर में प्रयोग में लाई जाने वाली शारदा लिपि से उत्पन्न हुई है।