‘खुशबू रचते हैं हाथ’ से क्या तात्पर्य है?
Answers
‘खुशबू रचते हैं हाथ’ से कवि का तात्पर्य है , मजदूर वर्ग के लोगों से है | यह छोटे-छोटे घरों , नगरों , बस्तियों में रह कर , छोटा काम कर भी लोगों के हाथ खुशबूदार पदार्थों की रचना करते हैं। यह लोग स्वयं मुश्किल परिस्थितियों में अपना जीवन बिताते हैं परन्तु दूसरों का जीवन खुशहाल बनाते हैं।
यहाँ पर कवि श्रमिकों की प्रशंसा नहीं करना चाहता है बल्कि वह यह कहना चाहता है कि हमें उनकी दशा सुधारने की बात सोचनी चाहिए। हमें भी अपना नैतिक कर्तव्य समझकर ऐसे मजदूर वर्ग के लिए कार्य करना चाहिए।
Answer:
Isse hamara yah tatparjya hain ye log choti galliyon naliyon pe pas rahkar bhi chote kam karkar bhi apna agarbati banakar hamtak khoosbudar padardh punchante hain
Explanation:
lekin ham un chizo se bahut lagaw rakte hain lekin un longo ko ghrina ki drishti se dekhete hain