खेती भारत में ख्वाजा
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ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में राज्यपाल (कुलाधिपति) आनन्दीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के नाम में बदलाव करने की वकालत की है।
राज्यपाल ने कहा है कि विश्वविद्यालय के वर्तमान नाम से लगता है कि यहां पर केवल उर्दू-अरबी-फारसी विषय की ही पढ़ाई होती है, जबकि सांइस, टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर और कला विषयों की भी पढ़ाई होती है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से कहा कि अगर आपको ठीक लगता है, तो विश्वविद्यालय का नाम ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय कर दिया जाए।राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा में काफी बदलाव आया है, क्योंकि आज पूरे विश्व के सामने खुद को प्रस्तुत करना है। तकनीक का युग है। इसके बिना विकास संभव नहीं है। लिहाजा ज्ञान का होना जरुरी है। उन्होंने कहा कि हमें केवल सेलबेस तक सीमित करने के बजाए अन्य विषयों की किताबों को भी पढ़ना होगा। साथ ही सीख दी कि हम अपना फर्ज पूरा करेंगे तो अधिकार स्वयं मिलेंगे। उन्होंने फिट इंडिया कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि बेटियां कुपोषित हैं। अगर बेटियों का घर पर ही ध्यान दिया जाए, तो बेटियों के साथ ही उनसे जन्म लेने वाले बच्चे भी स्वस्थ होंगे और भारत कुपोषण से मुक्त हो जाएगा।
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