• खेड़ी गाँव में बच्चे क्या-क्या सीखते थे?
• तुम अपने बड़ों से क्या-क्या सीखते हो?
• जिन चीजों का ज्ञान जात्र्या को खेड़ी में हासिल हुआ, उनमें से कितना उन्हें मुंबई में काम आया होगा?
• क्या तुम हर रोज़ पक्षियों की आवाजें सुनते हो? कौन-कौन से?
• क्या तुम किसी पक्षी की आवाज़ की नकल कर सकते हो? करके दिखाओ।
• तुम रोज़ ऐसी कौन-सी आवाजें सुनते हो, जो खेड़ी के लोग नहीं सुनते होंगे?
• क्या तुमने सन्नाटा महसूस किया है? कब और कहाँ?
Answers
◉ खेड़ी गाँव में बच्चे क्या-क्या सीखते थे?
▬ खेड़ी गांव में बच्चे की तरह के काम सीखते थे, जिनमें मछली पकड़ना, चिड़ियों को पहचाना और उनकी नकल करना, ढोल बजाना और ढोल की धुन पर नाचना तथा गाना गाना आदि काम थे।
◉ तुम अपने बड़ों से क्या-क्या सीखते हो?
▬ हम अपने बड़ों से अच्छी-अच्छी बातें सीखते हैं, जिनमें दूसरों का सम्मान करना किसी के साथ भेदभाव ना करना, किसी को भी छोटा नहीं समझना, जीवन में अच्छी आदतें अपनाना, सब के प्रति दया का भाव रखना, हर किसी की मदद करना आदि बातें हैं।
◉ जिन चीजों का ज्ञान जात्र्या को खेड़ी में हासिल हुआ, उनमें से कितना उन्हें मुंबई में काम आया होगा?
▬ जिन बातों का ज्ञान जात्र्या को खेड़ी गांव में हासिल हुआ था, उनमें से बहुत सी बातें उसके लिए मुंबई में काम आई होंगी। जैसे कि मछली पकड़ना, ढोल बजाना, नाचना-गाना आदि।
◉ क्या तुम हर रोज़ पक्षियों की आवाजें सुनते हो? कौन-कौन से?
▬ हाँ, हम सुबह-सुबह अनेक पक्षियों की आवाज सुनते हैं, जिनमें कौआ, कबूतर, चिड़िया, कोयल आदि हैं।
◉ क्या तुम किसी पक्षी की आवाज़ की नकल कर सकते हो? करके दिखाओ।
▬ हाँ, हम अनेक पक्षियों की नकल कर सकते हैं। जैसे कि तोता, कोयल, कौआ, कबूतर, मुर्गा आदि।
(आवाजें निकालने के लिये विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें। यह एक प्रायोगिक कार्य है विद्यार्थी इसे स्वयं करने का प्रयास करें)
◉ तुम रोज़ ऐसी कौन-सी आवाजें सुनते हो, जो खेड़ी के लोग नहीं सुनते होंगे?
▬ हाँ, हम यहां शहर में हम रोज ऐसी आवाजें सुनते हैं, खेड़ी गांव के लोग नहीं सुनते होंगे जैसे कि हवाई जहाज की आवाज। म्युनिसपल सायरन आदि।
◉ क्या तुमने सन्नाटा महसूस किया है? कब और कहाँ?
▬ हाँ, हमने भी सन्नाटा महसूस किया है। आधी रात को जब सब लोग सो जाते हैं तब हमने सायं-साय की आवाज सी महसूस की है।
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
“जायें तो जायें कहाँ”
(पर्यावरण अध्ययन – आस-पास) — कक्षा - 5, पाठ - 18)
इस पाठ से संबंधित अन्य प्रश्नों के लिये नीचे दिये गये लिंकों पर जायें....
• कुछ लोग ऐसा सोचते हैं - "शहरी लोग गंदगी नहीं फैलाते। शहर का गंद तो झुग्गी-झोंपड़ियों से है।" तुम्हें क्या लगता है-आपस में बात करो, बहस करो।
https://brainly.in/question/16031664
• जात्र्या भीड़ में रहकर भी अकेला महसूस कर रहा था। क्या तुम्हारे साथ भी कभी ऐसा हुआ है?
• अपनी जगह छोड़कर दूर नई जगह जाकर रहना कैसा लगता होगा?
• जात्र्या जैसे परिवार बड़े शहरों में क्यों आते होंगे?
• क्या तुमने ऐसे बच्चों को देखा है जो पढ़ने के साथ काम पर भी जाते हैं?
• ये बच्चे किस तरह के काम करते हैं? क्यों करने पड़ते होंगे?
https://brainly.in/question/16031399