Hindi, asked by jiyakardam, 10 months ago

khel kood kai upper partivedan

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Answered by mahajancharvi999
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विद्यालय स्तर पर वार्षिक खेल दिवस समारोह 2016 काआयोजन-किया गया | विद्यालय प्राचार्या डॉ. सरोज डबास ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत सत्कार करते हुए विद्यार्थियों को खेल-प्रतिभा निखारने के लिए प्रोत्साहित किया |

कार्यक्रमकेउद्घाटन समारोह में मुख्यअतिथि के रूपमें श्रीमती दीपिका तिवारी, सीनियर डायरेक्टर बोगरा परिवार कल्याण संगठन जालीपा छावनी बाड़मेर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल जीवन का अभिन्न अंग है जिससे मानसिक तनाव से विद्यालय स्तर पर वार्षिक खेल दिवस समारोह 2016 काआयोजन-किया गया | विद्यालय प्राचार्या डॉ. सरोज डबास ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत सत्कार करते हुए विद्यार्थियों को खेल-प्रतिभा निखारने के लिए प्रोत्साहित किया |

कार्यक्रमकेउद्घाटन समारोह में मुख्यअतिथि के रूपमें श्रीमती दीपिका तिवारी, सीनियर डायरेक्टर बोगरा परिवार कल्याण संगठन जालीपा छावनी बाड़मेर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल जीवन का अभिन्न अंग है जिससे मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है | इस दौरान विद्यालय के शारीरिक शिक्षक श्री तेजाराम मीना ने विद्यालय का वार्षिक खेल प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि खो-खो U-14 में विद्यालय की टीम ने राष्ट्रीय स्तर परभाग लिया, एथेलेटिक्स मेंओमप्रकाश ने रजतव पवन कुमार ने ताम्र पदक जीतकर विद्यालय का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया | 

प्रियंका ने खो-खो , विक्रम सिंह ने खो-खो, छोटू सिंह ने कबड्डी तथा प्रमोद ने फूटबाल में राष्ट्रीय स्तर परभागलेकर विद्यालय का नाम रोशन किया |इस अवसर पर विद्यालय स्तर पर सदनवारविभिन्न खेल-कूद प्रतियोगिताओं के साथ साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों काभी आयोजन किया गया | इस दौरान सेना चिकित्सालय जालीपा छावनी की एक टीम विद्यार्थियों के प्राथमिक उपचार हेतु उपस्थित रह कर अपना योगदान दिया | 

कार्यक्रमको सफल बनाने हेतु विद्यालय के सभी शिक्षक खेल मैदान में रहकर विद्यार्थियों का हौसला अफजाई करते नजर आए |कार्यक्रमकेसमापन समारोह में मुख्यअतिथि के रूपमेंब्रिगेडियर मनोज तिवारी,कमांडर सेना स्थल,जालीपा बाड़मेर एवं अध्यक्ष,विद्यालय प्रबंधन समिति केंद्रीय विद्यालय जालीपा छावनी बाड़मेर नेपुरस्कार वितरण के तत्पश्चात विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेलों से जीवन में अनुशासन, मानसिक व शारीरिक विकास होता है तथा खेलों के परिणाम स्वरूप ही भारत ने विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बनाई है| खेलों को उन्होंने सभी रोगों के लिए रामबाण औषधी बताया|

विद्यालयकी वरिष्ठम शिक्षिका श्रीमती सुमन कुमारी स्नातकोतर शिक्षिका इतिहास द्वारा धन्यवाद ज्ञापन की परम्परा का निर्वाहन किया गया |राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ|

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