klejan sanghnan ki क्रियाविधि
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प्रश्न 26 : एसीटो एसीटिक एस्टर के संश्लेषण के लिए क्लेजन संघनन की क्रियाविधि लिखिए।
उत्तर– एसीटो एसीटिक एस्टर का संश्लेषण या क्लेजन संघनन— इस विधि में एथिल एसीटेट के एसीटो एसीटिक एस्टर में परिवर्तित करने के लिए एथिले एसीटेट के ऐथेलोनीय विलयन का सोडियम हाइड्राक्साइड की उपस्थिति में स्व-संघनन होता है।
क्रियाविधि– प्रथम पद में एथिल एसीटेट का धनायन बनता है जो एक शक्तिशाली नाभिक स्नेही की भाँति कार्य करता है व एस्टर के दूसरे अणु के कार्बोनिल समूह पर आक्रमण करता है। अन्त में इथॉक्साइड आयन के विलोपन से कीटो एस्टर बनता है।
अभिक्रिया साम्य बायीं दिशा में होती है इसका अर्थ है कि AAε का बनना अनुपयुक्त है अतः AAε की संतुष्टात्मक लब्धि प्राप्त करने के लिये साम्य को दायीं दिशा में विस्थापित करना होगा। इसे संभव करने के लिये एथेनॉल या AAε में से किसी एक उत्पाद को पृथक कर सकते हैं। पहली सम्भावना है कि एथेनॉल के बनते ही आसवित कर लिया जाए। लेकिन इससे यह समस्या आती है कि प्रारम्भिंक एस्टर (एथिल एसीटेट) व एथेनॉल के क्वथनांक अत्यन्त निकट होते हैं क्रमश: 77°C व 78°C । इस समस्या के निवारण हेतु सोडियम एथॉक्साइड का आधिक्य मिला देते हैं यह प्राप्त AAε को इनोलेट लवण में परिवर्तित कर देता है इस प्रकार अभिक्रिया का साम्य दायीं ओर विस्थापित हो जाता है।
अन्त में तनु अम्ल की अधिकता, अभिक्रिया मिश्रण में डालकर शुद्ध AAε प्राप्त होता है।