Hindi, asked by priyankarathore3723, 10 months ago

kripya premchand ki kinhi5 kahaniyon ki summary dien

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रामधन ने जाकर Munshi Premchand's stories. ... रामधन ने दाल, नमक, उपले जुटा दिए। फिर 
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\huge{\bold{\red{Heya!!!}}}


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नमस्कार मित्र, 

प्रेमचंद की पाँच कहानियों का सारांश देना तो संभव नहीं होगा। हम आपकी सहायता के लिए उनकी दो कहानियों का सारांश उपलब्ध करवा रहे हैं। कृपया अन्य कहानियों का सारांश आप इंटरनेट की सहायता से प्राप्त करें। 
                                                                              परीक्षा कहानी का साराँश
प्रस्तुत कहानी के माध्यम से प्रेमचंद समाज में यह संदेश देना चाहते हैं कि जिस देश की जनता भोग-विलास में लिप्त हो जाती है, उसका अंत निश्चित होता है। दूसरा संदेश बहुत ही महत्वपूर्ण जान पड़ता है। यह सत्य है कि एक देश, समाज और परिवार की शिक्षा-दीक्षा की ज़िम्मेदारी एक स्त्री पर होती है। उसी के हाथों में अपने परिवार, समाज और देश की बागडोर होती है। यदि वही अपनी राह से हट जाए, तो परिवार, समाज और देश के पतन को कोई नहीं बचा सकता है। प्रेमचंद इस कहानी के माध्यम से स्त्री जाति को संबोधित करते हुए उन्हें अपने परिवार, समाज और देश को बचाने के लिए उत्साहित करते हैं। उनके अनुसार स्त्री अवश्य घरों में ही रहती हैं। परन्तु परदे के पीछे रहकर भी वह इतनी शक्ति रखती है कि एक जाति, एक धर्म एक समाज और एक देश के विकास को नई सोच, प्रगति और रफ़्तार दे सकती ही। नादिरशाह एक क्रूर व्यक्ति है। परन्तु वह एक समझदार और दूरदर्शी व्यक्ति है। वह दूरदर्शिता से यह अंदाज़ा लगा लेता है कि इस देश का भविष्य अब संकट में है और यह सत्य भी है। 

                                                                                   माँ कहानी का सारांश

'प्रेमचंद' द्वारा रचित कहानी 'माँ' करुणा नाम की एक एेसी औरत की कहानी है जो अपना संपूर्ण जीवन अपने परिवार के लिए अर्पित कर देती है। करुणा का पति आदित्य एक देशभक्त क्रांतिकारी होता है जिसे अंग्रेजी शासन तीन साल की सज़ा देता है। इसी बीच करुणा एक पुत्र को जन्म देती है। वह उसके लालन-पालन में तीन वर्ष बिता देती है। आदित्य जेल से छूटकर घर आता है किंतु तपेदिक के कारण उसकी मृत्यु हो जाती है। करुणा को अपने पति के गौरवपूर्ण जीवन पर गर्व का अनुभव होता है। वह चाहती है कि उसका पुत्र प्रकाश भी अपने पिता की तरह देश के लिए लड़े तथा संघर्ष करे। पुत्र बड़ा होता है तो उसकी जीवनशैली में विलासिता का समावेश हो जाता है। उसकी माँ उसे देश सेवा के लिए प्ररित करती है लेकिन वो स्वार्थी हो जाता है। उसे इंग्लैंड में पढ़ने के लिए सरकारी वजीफा मिलता है और वह विदेश चला जाता है। अब करुणा के मन के सारे सपने टूट जाते हैं। उसके लिए अब सारी प्रकृति ही उसका परिवार बन गया है। प्रकाश से अब उसे कोई उम्मीद बाकी नहीं बची है। 
प्रेमचंद ने इस कहानी में देशभक्ति की भावना को उभारा है। नारी के संघर्षपूर्ण जीवन का चित्रण किया है्। युवा पीढ़ी की विलासितावादिता तथा स्वार्थ को दर्शाया है। 


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