Hindi, asked by unnatiwaghela7104, 1 year ago

लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं हैं। आपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है?

Answers

Answered by nikitasingh79
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लेखक का कहना है कि आज भी भारतवर्ष में सेवा , ईमानदारी , सच्चाई और आध्यात्मिकता के मूल्य बने हुए हैं ।‌वे दब अवश्य गए हैं लेकिन नष्ट नहीं हुए हैं। आज भी सामान्य व्यक्ति भारतीय महिलाओं का सम्मान करता है, झूठ बोलना और चोरी करना पाप समझता है, सेवा करना अपना धर्म समझता है। रेलवे स्टेशन पर टिकट बाबू द्वारा लेखक को ढूंढ कर ₹90 वापस करना तथा बस कंडक्टर द्वारा लेखक के बच्चों के लिए दूध और पानी लाना इसी बात के प्रमाण है। आज भी सेवा भावना , ईमानदारी आदि मानवीय गुण विद्यमान है। इसलिए धोखा दिए जाने पर भी लेखक निराश नहीं है।आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
Answered by BrainlyHeroSumit
150

Answer:

लेखक का कहना है कि आज भी भारतवर्ष में सेवा , ईमानदारी , सच्चाई और आध्यात्मिकता के मूल्य बने हुए हैं ।‌वे दब अवश्य गए हैं लेकिन नष्ट नहीं हुए हैं। आज भी सामान्य व्यक्ति भारतीय महिलाओं का सम्मान करता है, झूठ बोलना और चोरी करना पाप समझता है, सेवा करना अपना धर्म समझता है। रेलवे स्टेशन पर टिकट बाबू द्वारा लेखक को ढूंढ कर ₹90 वापस करना तथा बस कंडक्टर द्वारा लेखक के बच्चों के लिए दूध और पानी लाना इसी बात के प्रमाण है। आज भी सेवा भावना , ईमानदारी आदि मानवीय गुण विद्यमान है। इसलिए धोखा दिए जाने पर भी लेखक निराश नहीं है।आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।

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