Letter to bapu conveying the child contribution to Swachhta and also making her commitment for future a benefiting tribute to Mahatma Gandhi on his 150th birth anniversary ( in Hindi)
Answers
बापू के लिये एक पत्र स्वच्छता के संबंध में...
प्रिय बापू...
आपके चरणों में नमन...
प्रिय बापू हम जानते हैं कि आप स्वच्छता के कितने प्रबल समर्थक थे। आप हम सब को छोड़कर चले गए। लेकिन आप जाते-जाते स्वच्छता का संदेश देकर गए थे। लेकिन हम भारतीयों ने आपकी सीख का पालन नहीं किया और सब जगह गंदगी फैलाना शुरू कर दिया। हमने अपने देश को बुरी तरह गंदा कर रखा है।
बापू, आज हमें खुद पर शर्मिंदगी होती है कि हम आपके संदेश और उपदेश का अनुसरण नहीं कर पाए। लेकिन हम प्रण करते हैं कि हम अब आपके बताए मार्ग पर जरूर चलेंगे और अपने देश को एक-दम साफ-सुथरा और स्वच्छ बना कर ही छोड़ेंगे।
बापू. आपकी इसी वर्ष 150वीं जयंती है और इस 150वीं जयंती पर हम आपके लिए एक वचन के रूप में श्रद्धांजलि देते हैं। हम यह प्रण करते हैं कि हम अपने देश को स्वच्छ बनाएंगे। स्वच्छता के नियमों का पूरा पालन करेंगे। कहीं पर भी गंदगी नहीं करेंगे और जैसे विदेशों में विशेषकर पश्चिम देशो में साफ-सफाई होती है, वैसे ही अपने देश को साफ सुथरा बनाएंगे, ताकि ये विदेशी जब आयें तो हमारे देश की तारीफ करें।
बापू हम जानते हैं कि गंदगी ही बीमारियों की जड़ होती है और हमारे इस गंदगी के कारण हमारे देश के लोग बीमार पड़ रहे हैं, इस प्रकार हमारा देश बीमार पड़ रहा है और बीमार देश विकास के पथ पर तीव्र गति से नहीं चल पाता। इसके लिए स्वच्छता कितनी आवश्यक है इसका महत्व हम जान गए हैं। हमारा आपको यह वचन है कि हम अपने भारत को स्वच्छ बना कर ही छोड़ेंगे।
हमारे वर्तमान प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी भी भारत को स्वच्छ बनाने का अभियान छोड़े हुए हैं, और उन्होंने भी आपसे ही प्रेरणा ली है, और आपको ही स्वच्छता का प्रतीक और दूत बनाया है। बस हमें आपके और उनके सपने को पूरा करना है।
आपकी 150वीं जंयती पर आपको इससे अच्छी श्रद्धांजलि और नही हो सकती। हमें विश्वास कि अपने स्वच्छ भारत को देखकर आप जहाँ कहीं भी है, खुश जरूर होंगे।
अपने चरणों में हमारा पुनः नमन स्वीकार करें.....
आपके भारत के बच्चे
Answer:
बापू को एक पत्र
Explanation:
338
Paschimpuri
बलूच
11 सितंबर, 2019
प्रिय बापू:
मुझे आशा है कि यह पत्र आपको अच्छे कर्म करते हुए मिलेगा जैसा कि आपने हमेशा किया था जब आप पृथ्वी पर थे। आपका जीवन न केवल भारतीयों के लिए बल्कि अन्य सभी देशों के लोगों के लिए भी प्रेरणा रहा है। आप कई गुणों, निस्वार्थ कार्यों और शांति फैलाने वाले विचारों के प्रतीक हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि आपको पूरी दुनिया ने महात्मा (महान आत्मा) कहा है। आपका एक गुण जो मुझे सबसे ज्यादा प्रेरित करता है, वह है स्वच्छता का गुण।
आपने पिछड़े क्षेत्रों में भारत के लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वच्छता के प्रति संवेदनशील बनाने पर इतना काम किया। आपने अपने शिष्यों को स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए दूर-दराज के पिछड़े इलाकों में भेजा। आपके स्वच्छता मिशन ने मुझे राष्ट्र भर में शुरू किए गए स्वच्छता अभियान के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया। मैं एक रोल मॉडल होने के लिए अपने दिल की कोर से आपको धन्यवाद देता हूं। बाकी ठीक है। प्रणाम।
आपके सम्मान से,
योगेश कौशिक