Social Sciences, asked by neerajkachhi8865, 1 year ago

LPG avashyakta padati hai​

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Answered by ranyodhmour892
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औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है।

आज के उद्योगों के लिए सही ईंधन के चुनाव में गुणवत्ता, लागत, दक्षता, पर्यावरण, ऊष्मनियंत्रता इत्यादि प्रमुख मानदंड हैं।

एलपीजी इन सभी मानदंडों के अनुरुप है- जिसके कारण यह बहुसंख्य औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए आदर्श ईंधन सिद्ध होता है।

एलपीजी एक शुद्ध एवं स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है जो समान और नियंत्रणीय ऊष्मा प्रदान करता है। जिससे यह व्यापक स्तर पर औद्योगिक उपयोगों के लिए आदर्श ऊष्मा एवं विद्युत शक्ति का स्रोत है।

चूँकि एलपीजी लगभग पूर्णतया गंधक (सल्फर) रहित है, यह रसायनिक प्रक्रियाओं इत्यादि जैसी संवेदनशील स्थितियों में भी प्रयोग किया जा सकता है।

एलपीजी का प्रयोग अंतरिक्ष तथा औद्योगिक तंदूर, आवाँ, भट्टियों, (अवन/किल्न/ फर्नेस) मशीनों में प्रक्रिया उत्तेजन के तौर पर एवं खाद्य संसाधन करने वाली इकाइयों में प्रयोग किया जाता है।

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एचपी गैस

एचपी गैस प्रोपेन / ब्यूटेन का मिश्रण है जिस सामान्य परिवेशी तापमान और संतुलित दबाव के अंतर्गत द्रवित किया जाता है। यह एक सुरक्षित, स्वच्छ ज्वलनशील, विश्वसनीय और उच्च ऊष्मीय (कैलोरिफिक वैल्यू) मूल्य का ईंधन है। घरेलू ईंधन होने के साथ- साथ इसको व्यापक रुप से उन उद्योगों में भी प्रयोग में लाया जाता है जहाँ कम मात्रा में गंधक वाले ईंधनों और सूक्ष्म तापमान नियंत्रण की आवश्यकता होती है। एचपी गैस आईएस:4576-1999 विनिर्देशनों के अनुरुप है।

प्रोपेन की रसायनिक संरचना C3H8 और ब्यूटेन की रसायनिक संरचना C4H10 है।

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एलपीजी के विशिष्टताएं

एलपीजी हवा से दुगुनी भारी है और पानी से आधा गुना भारी है।

एलपीजी रंगहीन और गंधरहित होती है, अतः रिसाव का पता लगाने के लिए इसमें गंधक पदार्थ मिलाया जाता है।

एलपीजी को 1:250 के अनुपात में संकुचित किया जा सकता है जिससे उसे द्रव्य रूप में सुवाह्य पात्रों में भरा जा सकता है।

एलपीजी एक सुरक्षित ईंधन और 2 % से 9 % के विनिर्दिष्ट एलपीजी- हवा अनुपात के अंदर ही प्रज्वलित होता है।

11, 900 कि. कैलोरी/कि.ग्र. के उच्च ऊष्मीय मूल्य से उच्च दक्षता ऊष्मा प्राप्त होती है।

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अन्य ईंधनो की तुलना में एलपीजी के लाभ

स्वच्छ प्रज्वलन

कालिख न होने के कारण बर्नर भी अधिक समय तक चलता है - अतः कम रख-रखाव की आवश्यकता पड़ती है।

चूंकि वायुमंडलीय (ऐटमोस्फेरिक) तापमान और दवाब पर इसका वाष्पीकरण हो जाता है, इसका छलकने का डर नहीं।

जंग के प्रभाव काफी कम होते है।

ज्वाला के तापमान को तत्काल रूप से नियंत्रण में लाया जा सकता है।

पुर्जों की परत उतरने और विकार्बनीकरण से बचाव होता है।

न्यूनतम गंधक मात्रा और गंधकरहित उत्सर्जन के कारण यह एक पर्यावरण मैत्रीपूर्ण ईंधन है।

प्रत्यक्ष फायरिंग पद्धति के साथ यह अत्यधिक दक्ष है।

तेजी से गर्म होने और ठंडा होने के लिए तत्काल ऊष्मा

विद्युत की भांति व्यस्ततम समय के अधिक मूल्य की दरों के विपरीत, हर समय पर एक ही दर पर मिलती है।

विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए प्रयोग लायी जा सकता है।

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आईएस 4576 - 1999 के अनुसा

Answered by shrutisharma4567
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