लड़कियाँ हैं, वह घास-फूस की तरह बढ़ती चली जाती हैं। वाक्य समाज में लड़कियों की स्थिति की किस वास्तविकता को प्रकट करता है?
Answers
Answered by
48
Explanation:
लड़कियाँ हैं, वह घास-फूस की तरह बढ़ती चली जाती हैं
यह कथन समाज में लड़कियों की उपेक्षित स्थिति को दर्शाता है। लड़कियों को बोझ माना जाता हैं। उनकी उचित देख-भाल नहीं की जा सकती।
Answered by
34
यह कथन समाज में लडकियों की उपेक्षित स्थिति को दर्शाता है। लडकियों को बोझ माना जाता है। उनकी उचित देख-भाल नहीं की जाती और उन्हें लडकों से कमतर आंका जाता है।
Similar questions