मॉडुलन की आवश्यकता क्यों होती हैमॉडुलन की आवश्यकता क्यों होती है हिंदी में बताइए
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मॉडुलन - श्रव्य आवृत्ति तरंगों का रेडियो तरंगों ( वाहक तरंग ) के साथ अध्यारोपण करना मॉडुलन कहलाता है । (i ) इनकी ऊर्जा बहुत कम ( लगभग 10(-12)eV ) होती है । वायुमण्डल में प्रसारण के समय ऊर्जा ह्रास के कारण इनका आयाम घटता जाता है और अंत में लगभग शून्य हो जाता है । अतः तरंगे समाप्त हो जाती है ।
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Explanation:
मॉडुलन - श्रव्य आवृत्ति तरंगों का रेडियो तरंगों ( वाहक तरंग ) के साथ अध्यारोपण करना मॉडुलन कहलाता है । (i ) इनकी ऊर्जा बहुत कम ( लगभग 10(-12)eV ) होती है । वायुमण्डल में प्रसारण के समय ऊर्जा ह्रास के कारण इनका आयाम घटता जाता है और अंत में लगभग शून्य हो जाता है । अतः तरंगे समाप्त हो जाती है ।
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