Hindi, asked by inderlalchoudhary, 9 months ago

)मेहनत का फल इस शीर्षक पर कहानी लेखन​

Answers

Answered by rakhi9299
13

Answer:

एक बार एक गांव में अकाल पड़ गया| पीने के लिए पानी तक नहीं बचा था| लोग, अपना गांव छोड़कर दूसरे गांव में जाने के लिए तैयार हो गए| यह बात सुनकर वहां के राजा को बड़ी चिंता हुई| राजा ने मंत्रियों से सलाह मशवरा किया|

मंत्रियों ने राज्य के प्रसिद्ध महात्मा जी से कुछ उपाय जानने के लिए कहा| राजा ने महात्मा जी को बुलवाया और सारी घटना के बारे में बताया और कोई उपाय बताने का आग्रह किया|

महात्मा ने राजा को समझाया कि गांव में एक बड़ा सा तालाब खुदवाया जाय| तालाब में वर्षा का पानी भर जाएगा तो वह गांव वालों के पीने के काम आएगा और तालाब की खुदाई करने वालों को पैसा भी मिलेगा| इससे लोग गांव छोड़कर नहीं जाएंगे|

राजा को महात्मा की सलाह अच्छी लगी और उन्होंने महात्मा जी से बड़ा तालाब खुदवाने को कहा| महात्मा जी गांव में गए और गांव वालों से तालाब खोदने के लिए कहां| उन्होंने प्रतिदिन शाम को मजदूरी के पैसे देने का वायदा किया| गांव वाले तालाब की खुदाई में लग गए और उन सभी ने गांव छोड़कर जाने का इरादा भी छोड़ दिया|

गांव वाले रोज तालाब की खुदाई करते और शाम को महात्मा जी से पैसे प्राप्त कर लेते| उसी गांव में एक चोर रहता था यह सब देखकर उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि महात्मा को राजा ने बहुत सारा धन दिया है, जिससे वह लोगों को मजदूरी बांटता है| एक दिन मौका पाकर वह चोर रात को महात्मा की झोपड़ी में घुस गया| चोर ने महात्मा की सारी झोपड़ी को छान मारा, परंतु उसे कहीं पर भी धन नहीं मिला|चोर की आहट सुनकर महात्मा जी जाग गए| महात्मा को जगा हुआ देखकर चोर घबरा गया| महात्मा ने चोर से पूछा,” तुम धन चुराने आए हो? यह झोली लो और इसे उल्टा करो|” चोर ने झोली उल्टी करी तो खन खन करके झोली से सिक्के गिरने लगे|

महात्मा ने चोर से कहा,” ले जाओ जितना धन चाहिए!” चोर सिक्के उठाने लगा पर चोर जो भी सिक्का उठाता वह तुरंत ही मिट्टी का बन जाता| धीरे-धीरे सारे सिक्के मिट्टी के बन गए|

महात्मा ने चोर से कहा,” यह जादुई धन है| यह केवल उसी को मिलता है जो मेहनत (Mehnat ka phal) करता है| बिना मेहनत किए इन सिक्कों को लेने से यह मिट्टी के बन जाते हैं|”

चोर की समझ में आ गया कि मेहनत से ही धन कमाया जा सकता है| उसने चोरी का विचार छोड़ दिया और दूसरे दिन से वह भी तालाब खोदने के काम में लग गया| शाम के समय महात्मा जी ने झोली उल्टी करके सब लोगों को मजदूरी के सिक्के बांटे| कुछ सिक्के उस चोर को भी मिले| परंतु इस बार वे सिक्के, मिट्टी के नहीं बने | उस दिन चोर मेहनत करके बहुत खुश हुआ और उसने कभी भी चोरी न करने की प्रतिज्ञा ली|

Plzz follow me and Mark it as Brainliest

Similar questions