मंजुषात: अंकानाम कृते पदानी चिनुत -
मंजुषा- अष्टचत्वारिन्शत, एकोनविंशति: , अष्टत्रिंशत, सप्तविंश
(क) ४८ ------- (ख) ३८------ (ग) २७------ (घ) १९---------
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प्रशन :-
मंजुषात: अंकानाम कृते पदानी चिनुत -
मंजुषा- अष्टचत्वारिन्शत, एकोनविंशति: , अष्टत्रिंशत, सप्तविंश
(क) ४८ ------- (ख) ३८------ (ग) २७------ (घ) १९---------
उत्तर :-
(क) ४८ अष्टचत्वारिन्शत (ख) ३८अष्टत्रिंशत: (ग) २७ सप्तविंशति (घ) १९ एकोनविंशति:
गिनती करना सीखना दुनिया की अधिकांश संस्कृतियों में एक महत्त्वपूर्ण शैक्षिक/विकासात्मक मील का पत्थर माना जाता हैं। गिनती करने के लिए सीखना गणित में एक बच्चे का पहला कदम है, और उस अनुशासन का सबसे मौलिक विचार है।
गणना या गिनना वस्तुओं के परिमित समुच्चय के तत्त्वों को ढूंढने की क्रिया है।
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