मेण्डल के आनुवंशिकता के तीनों नियम लिखिए।
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मेन्डल की आनुवंशिकता के तीन नीयम:
1) प्रभाविता का नीयम
2) विसन्योजन का नीयम
3) स्वतंत्र अप्व्युहन का नीयम
1) प्रभाविता के नीयम के अनुसार जब दो विरोधी गुणों वाले पौधों के बीच संकरण किया जाता है तो नई पीढ़ी में वही गुण प्रदर्शित होता है जो प्रभावी होता है।
2) विसन्योजन के नीयम के अनुसार जब युग्मकों के निर्माण के समय प्रत्येक जीन जोड़ी के कारक अलग-अलग हो जाते हैं परंतु जब युग्मन्क का निर्माण होता है तो यह एक साथ आ जाते हैं और अपना अस्तित्व बनाए रखते हैं।
3) मेन्डल का स्वतंत्र अप्व्युहन का नियम द्विसंकर और बहुसंकर संकरण पर आधारित है। मेंडल के इस सिद्धान्त की पुष्टि उसके द्वारा किए गए मटर के पौधों के संकरण से होती है। पहली पीढ़ी में मेंडल को केवल गोल और पीले बीज प्राप्त हुए जिससे यह साबित हुआ की यह लक्षण हरे और झुर्रिदार बीज पर प्रभावी है।
परंतु जब द्वितीय पीढ़ी प्राप्त हुई तब उस पीढ़ी में चारों प्रकार के बीज देखने को मिले।