मानव जाति की उन्नति मानव के विचारों की उन्नति के बिना असमभव है
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उन्नति में बाधक हैं नकारात्मक विचार आगे बढ़ना है तो सकारात्मक सोचें
2 वर्ष पहले
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जीवन में हमें यदि आगे बढ़ना है तो लगातार परिश्रम करना पड़ेगा। यदि कोई आईएएस बनना चाहता है तो कम से कम 18 घंटे मेहनत करता है। ठीक इसी प्रकार हमें भी यदि एक अच्छा समाजसेवी बनना है तो दिन-रात परिश्रम करना होगा, तभी सही मायने में हम एक अच्छे समाजसेवी कहलाएंगे। वास्तव में विचार वही श्रेष्ठ होता है जो सकारात्मक हो। नकारात्मक विचार तो व्यक्ति का जीवन खराब कर देता है। यह विचार मप्र की जोनल डायरेक्टर बीके अवधेश बहन ने प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के गोल्डन वर्ल्ड रिट्रीट सेंटर मालनपुर में आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिन मंगलवार को प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि राजयोग वह विधि है जो व्यर्थ के विचारों को बदल कर समर्थ विचारों में तब्दील कर देती है। आध्यात्मिकता वह मार्ग है जो जीवन को मनुष्य से देवता बना देता है। संसार का हर व्यक्ति अपनी दिनचर्या में राजयोग और आध्यात्मिकता को शामिल करे। उसका जीवन तनावमुक्त, क्रोध मुक्त एवं व्यसनमुक्त बन सकता है और समाज खुशहाल हो सकता है।
बीके शैलजा बहन छतरपुर ने कहा कि ब्रह्मांड का सिद्धांत है कि हम जो देते हैं हमें वही मिलता है। जो हमें चाहिए वह पहले हमें देना होगा, यदि हमें सम्मान चाहिए तो हमें सम्मान देना होगा।
भोपाल से आईं बीके नीता बहन ने कहा कि ईर्ष्या हमें कभी अच्छा इंसान नहीं बनने देगी। ईर्ष्या बहुत बड़ा व्यसन है। हमारी उन्नति में बाधक है क्रोध। मुरैना से आईं बीके रेखा बहन ने कहा कि हम सभी को ब्रह्ममुहूर्त का महत्व पता होना चाहिए। भगवान की मेरे हर कर्म पर नजर है, वह मुझे देख रहा है। भगवान मुझे अच्छा बनाना चाहता है,किसी भी कार्य को करने के लिए एक कदम तो बढ़ाओ परमात्मा मदद देने के लिए हमेशा खड़ा हुआ है।रीवा से आईं बीके निर्मला बहन रीवा ने कहा कि एक अच्छे संगठन की मजबूती के लिए हमारे जीवन में अनेक गुणों जैसे सरलता परोपकार सहनशीलता धैर्य मधुरता नम्रता का होना बहुत जरूरी है। बीके प्रतिभा बहन शाजापुर ने कहा कि कन्या अपने आप में धन है इसलिए उसकी हमें अच्छी तरह से परवरिश करनी चाहिए।
उन्नति में बाधक हैं नकारात्मक विचार आगे बढ़ना है तो सकारात्मक सोचें
जीवन में हमें यदि आगे बढ़ना है तो लगातार परिश्रम करना पड़ेगा। यदि कोई आईएएस बनना चाहता है तो कम से कम 18 घंटे मेहनत करता है। ठीक इसी प्रकार हमें भी यदि एक अच्छा समाजसेवी बनना है तो दिन-रात परिश्रम करना होगा, तभी सही मायने में हम एक अच्छे समाजसेवी कहलाएंगे। वास्तव में विचार वही श्रेष्ठ होता है जो सकारात्मक हो। नकारात्मक विचार तो व्यक्ति का जीवन खराब कर देता है। यह विचार मप्र की जोनल डायरेक्टर बीके अवधेश बहन ने प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के गोल्डन वर्ल्ड रिट्रीट सेंटर मालनपुर में आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिन मंगलवार को प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि राजयोग वह विधि है जो व्यर्थ के विचारों को बदल कर समर्थ विचारों में तब्दील कर देती है। आध्यात्मिकता वह मार्ग है जो जीवन को मनुष्य से देवता बना देता है। संसार का हर व्यक्ति अपनी दिनचर्या में राजयोग और आध्यात्मिकता को शामिल करे। उसका जीवन तनावमुक्त, क्रोध मुक्त एवं व्यसनमुक्त बन सकता है और समाज खुशहाल हो सकता है।
बीके शैलजा बहन छतरपुर ने कहा कि ब्रह्मांड का सिद्धांत है कि हम जो देते हैं हमें वही मिलता है। जो हमें चाहिए वह पहले हमें देना होगा, यदि हमें सम्मान चाहिए तो हमें सम्मान देना होगा।
भोपाल से आईं बीके नीता बहन ने कहा कि ईर्ष्या हमें कभी अच्छा इंसान नहीं बनने देगी। ईर्ष्या बहुत बड़ा व्यसन है। हमारी उन्नति में बाधक है क्रोध। मुरैना से आईं बीके रेखा बहन ने कहा कि हम सभी को ब्रह्ममुहूर्त का महत्व पता होना चाहिए। भगवान की मेरे हर कर्म पर नजर है, वह मुझे देख रहा है। भगवान मुझे अच्छा बनाना चाहता है,किसी भी कार्य को करने के लिए एक कदम तो बढ़ाओ परमात्मा मदद देने के लिए हमेशा खड़ा हुआ है।रीवा से आईं बीके निर्मला बहन रीवा ने कहा कि एक अच्छे संगठन की मजबूती के लिए हमारे जीवन में अनेक गुणों जैसे सरलता परोपकार सहनशीलता धैर्य मधुरता नम्रता का होना बहुत जरूरी है। बीके प्रतिभा बहन शाजापुर ने कहा कि कन्या अपने आप में धन है इसलिए उसकी हमें अच्छी तरह से परवरिश करनी चाहिए।