मानव जब अपनी गंदगी नष्ट करता है तब क्या होता है?
Answers
Explanation:
बताया, क्योंकि बलबन ने अपनी बेटी का विवाह ... प्रथा की शुरूआत की। Note:_ अब ये सिजदा और ... ने बलबन को किस उपाधि से नवाजा था,बलबन ने किस प्रथा की शुरुआत की?संघ की संधि भी कहा जाता है।) ७ फ़रवरी १९९२ को यूरोपीय समुदाय के मध्य हुये समझौते को कहा जाता है।
1. मोटे लोगों में मेटोबॉलिज़्म की दर कम नहीं होती. लोग अमूमन मानते हैं कि मोटे लोगों में मेटाबॉलिज़्म की दर कम होती है. लेकिन ऐसा होता नहीं है क्योंकि मोटे लोगों के शारीरिक अंग बड़े होते हैं और पतले लोगों की तुलना में वे ज्यादा ऊर्जा खर्च करते हैं. ऐसे में मोटे लोगों के मेटाबॉलिज़्म की दर ज़्यादा होती है. इस बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए देखें- जर्नल ऑफ़ न्यूट्रीशनल साइंसेज़.
2. अगर आपका पेट काफ़ी वज़नी हो, आप मोटे हों, तो आपके शरीर को सेब जैसा कहा जाता है जबकि अगर आपके हिप और थाई वज़नी हों तो उसे नाशपती के आकार का कहा जाता था. पहले यह माना जाता था कि सेब के आकार वाले लोगों में हृदय संबंधी रोग होने का ख़तरा ज़्यादा होता है, डायबिटीज़ होने की आशंका ज़्यादा होती है. लेकिन हाल में कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी के अध्ययन में देखा गया है कि आपके शरीर का आकार चाहे जो हो, लेकिन अगर आपका वज़न ज़्यादा है तो वो ख़तरनाक है. ( स्रोत- यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया, डेविस)
3. हर महिला का सपना होता है कि उनकी क़द-काठी ऑवरग्लास शेप की हो. लेकिन ऐसा होता नहीं. मैनचेस्टर में 3डी बॉडी स्कैनर से 240 ब्रिटिश महिलाओं की कद-काठी के माप में देखा गया कि 63 फ़ीसदी महिलाओं की कमर, कंधे और छाती का माप एक जैसा था. इसे आप आयाताकार कह सकते हैं. केवल 13 फ़ीसदी महिलाओं की बॉडी परफैक्ट ऑवरग्लास जैसी थी. हालांकि ये भी देखा गया कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं का आकार आयाताकार जैसा होता जाता है. 56 साल से ज़्यादा उम्र की 80 फ़ीसदी महिलाएं इसी वर्ग में आती हैं. ( स्रोत- मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटेशन यूनिवर्सिटी)
null
आपको ये भी रोचक लगेगा
वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम की रैंकिंग में भारत 10 पायदान गिरा
किस आरएसएस कार्यकर्ता की सपरिवार हत्या पर गरमाया पश्चिम बंगाल
जब पीएम मोदी ने उड़ाया था नींबू-मिर्च का मज़ाक
तुर्की के हमले से पहले आईएस के इन 'खूंखार लड़ाकों' को ले निकला अमरीका
null.
4. पुरुषों का स्तन भी कई बार बढ़ जाता है. माना जाता है कि ज्यादा बीयर पीने से ऐसा होता है. लेकिन ये स्तन में कोशिकाओं के बढ़ने से होता है. मोटे और ज़्यादा वज़नी लोगों में ऐसा होता है कि क्योंकि वसा से फ़ीमेल हार्मोन इस्ट्रोजन उत्पादित होता है जिससे स्तन बढ़ता है. ( स्रोत- यूके नेशनल हेल्थ सर्विस)
5. तुर्की के अनुसंधानकर्ताओं ने 200 पुरुषों में सर्वे करने के बाद पाया है कि जिनका वज़न अनुपात ज़्यादा होता है, यानि बीएमआई (बॉडी माल इंडेक्स) ज़्यादा होता है, वह बिस्तर पर ज़्यादा देर तक संसर्ग करने की क्षमता रखते हैं. ऐसे लोगों का औसतन संसर्ग का समय 7.3 मिनट होता है जबकि पतले लोग 2 मिनट में स्खलित हो जाते हैं. शायद पतले लोगों में टेस्टोस्टोरोन की मात्रा कम हो जाती है, यह बहुत मोटे लोगों के साथ भी होता है. मोटे लोग में सेक्स करने की क्षमता भले ज़्यादा होती है लेकिन उन्हें इसे शुरू करने में वक़्त लगता है. कई बार ज़्यादा वज़नी लोगों में सेक्स करने लायक़ इरेक्शन नहीं हो पाता है.
Please mark as brainliest