मारीआन और जर्मेनिया कौन थे? जिस तरह उन्हें चित्रित किया गया उसका क्या महत्त्व था?
Answers
उत्तर :
मारीआन और जर्मेनिया दो नारियों के चित्र हैं। उन्हें राष्ट्रों के रूपकों के रूप में चित्रित किया गया है । मारीआन फ्रांसीसी गणराज्य का प्रतिनिधित्व करती है , जबकि जर्मेनिया जर्मन राष्ट्र का रूपक है । वास्तव में 18वीं तथा 19वीं सदी में कलाकारों ने राष्ट्रों को मानवीय रूप प्रदान किया और उनकी अभिव्यक्ति एक साधारण नारी के रूप में की । फ्रांस में 1850 में एक डाक टिकट पर मारीआन की तस्वीर छापी । उसकी प्रतिमाओं को सार्वजनिक स्थानों पर लगाया गया ताकि लोगों में राष्ट्रीय भावना जागती रहे । जर्मेनिया को बलूत वृक्ष के पत्तों का मुकुट पहने दिखाया गया, क्योंकि जर्मन में बलूत को वीरता का प्रतीक माना जाता है।
महत्व :
इन चित्रों ने लोगों को राष्ट्रीयता की भावना को प्रबल बनाया । इससे भी बढ़कर मारीआन ने फ्रांस को तथा जर्मेनिया ने जर्मनी को एक अलग राष्ट्र के रूप में पहचान दी।
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Explanation:
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मनु द्वारा विरचित मनूस्मृति में कर्म आधारित वर्ण व्यवस्था और उसके महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है और व्यक्ति तथा व्यक्ति , व्यक्ति तथा समाज और व्यक्ति तथा राज्य सभी के एक दूसरे के प्रति कर्तव्यों को निश्चित किया गया है। भारतीय समाज को व्यवस्थित करने में इसका बड़ा योगदान रहा है इसे भारतीय समाजशास्त्र का आदि ग्रंथ माना जा सकता है।