मा
सावर्गो साथ पाणमता और मास पर आधायिकी
तुझको या तेरे नदीश, गिरि, वन को नमन कर में।
मेरे प्यारे देश! देह या मन को नमन करूँ मैं?
किसको नमन करू मैं भारत! किसको नमन कर और
-
भारत नहीं स्थान का वाचक, गुण विशेष नर का है,
एक देश का नहीं, शील यह भूमंडल पर का है।
जहाँ कहीं एकता अखंडित, जहाँ प्रेम का स्वर है,
देश-देश में वहाँ खड़ा भारत जीवित भास्वर है।
निखिल विश्व की जन्मभूमि वंदन को नमन करूँ मैं?
किसको नमन करूँ मैं भारत! किसको नमन करूं मैं?
उठे जहाँ भी घोष शांति का, भारत स्वर तेरा है,
धर्म-दीप हो जिसके भी कर में, वह नर तेरा है।
तेरा है वह वीर, सत्य पर जो अड़ने जाता है,
किसी न्याय के लिए प्राण अर्पित करने जाता है।।
मानवता के इस ललाट चंदन को नमन करूँ मैं?
किसको नमन करूँ मैं भारत! किसको नमन करूँ मैं?
-रामधारी सिंह 'दिनकर'
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jyotichaudhary1175 avatar
jyotichaudhary1175
17.06.2020
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मा
सावर्गो साथ पाणमता और मास पर आधायिकी
तुझको या तेरे नदीश, गिरि, वन को नमन कर में।
मेरे प्यारे देश! देह या मन को नमन करूँ मैं?
किसको नमन करू मैं भारत! किसको नमन कर और
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भारत नहीं स्थान का वाचक, गुण विशेष नर का है,
एक देश का नहीं, शील यह भूमंडल पर का है।
जहाँ कहीं एकता अखंडित, जहाँ प्रेम का स्वर है,
देश-देश में वहाँ खड़ा भारत जीवित भास्वर है।
निखिल विश्व की जन्मभूमि वंदन को नमन करूँ मैं?
किसको नमन करूँ मैं भारत! किसको नमन करूं मैं?
उठे जहाँ भी घोष शांति का, भारत स्वर तेरा है,
धर्म-दीप हो जिसके भी कर में, वह नर तेरा है।
तेरा है वह वीर, सत्य पर जो अड़ने जाता है,
किसी न्याय के लिए प्राण अर्पित करने जाता है।।
मानवता के इस ललाट चंदन को नमन करूँ मैं?
किसको नमन करूँ मैं भारत! किसको नमन करूँ मैं?
-रामधारी सिंह 'दिनकर'
Answer:
es kavita main kisaka varnan kiya gaya hai